शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय के सभा कक्ष परिवर्तनशीलता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन - Smachar

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शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय के सभा कक्ष परिवर्तनशीलता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय के सभा कक्ष परिवर्तनशीलता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ आयोजन 


( पालमपुर केवल कृष्ण शर्मा ) 

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय के सभा कक्ष में हाइब्रिड मोड पर कृषि, आर्थिकी,पर्यावरण क्षेत्र में अनुकूल जलवायु परिवर्तनशीलता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन मुख्य संरक्षक प्राचार्य डॉ अनिल आजाद के दिशा निर्देशन में किया गया । सम्मेलन देर सायं तक चला। आयोजन का शुभारंभ आयोजन समिति द्वारा सम्मानित अतिथियों को रोजर्ट लगाना तथा दीप प्रज्वलन , सरस्वती वंदन जैसी औपचारिकताओं से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश मुख्य संसदीय सचिव श्री आशीष बुटेल ने की। समिति के समन्वयक डॉ सुनील कटोच ने संबंधित विषय का अभिप्राय और रूपरेखा स्पष्ट करते हुए विषय की आधुनिक संदर्भ में आवश्यकता को तथ्यों से प्रमाणित किया डॉ आजाद ने समस्तजनों का अभिनंदन करते हुए विषय के व्यावहारिक पक्षों पर ध्यान केंद्रित किया और कहा कि ऐसी परियोजनाओं से भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं के माध्यम तलाशे जा सकते हैं और समृद्धि के मार्ग प्रशस्त किये जा सकते हैं। विशिष्ट अतिथि टिराना विश्वविद्यालय, अंग्रेजी विभाग की प्रो डीलिजा ने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण के मायने बताते हुए शिक्षकों को शिक्षण का व्यावहारिक प्रारूप तैयार करने और वैचारिक चिंतन की ओर उन्मुख होने को प्रेरित किया। मुख्य वक्ता के रूप में कृषि विश्वविद्यालय के प्रो डॉ रणवीर सिंह राणा ने शिरकत की।अपने सम्बोधन में उन्होंने हिमाचल प्रदेश केन्द्रित जलवायु परिवर्तन के कारणों, प्रभावों, स्मार्ट कृषि और जैविक खाद उगाने के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी। आमंत्रित वक्ताओं के रूप में हिमालय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ अमित चावला, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की प्राणी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डॉ नीलू जैन गुप्ता, अल अजहर कायरो विश्वविद्यालय से प्रोफेसर डॉ एमान ए आलम तथा सतत विकास के उन्नत अध्ययन हेतु संस्थान (संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय) जापान से हेमांगना गुप्ता ने ऑनलाइन मोड से अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये जो मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के सतत प्रभावों और परिणामों , वायुमंडलीय दबाव और बदलाव के साथ साथ उर्वरक खेती की विधियों , प्राकृतिक खेती ,नव्य मिश्रित शिक्षा प्रणाली, सतत विकास के लक्ष्य आदि ‌उपविषयों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया जो तथ्यात्मक जानकारी, विश्लेषणपरक और मौलिक निष्कर्षों से संयुक्त रहा। इन समस्त पी पी टी प्रस्तुतियों में वक्ताओं ने अनुसंधान प्रक्रिया समझाते हुए डाटा ब्योरा भी दिया। प्रश्नसत्र में उन्होंने श्रोताओं द्वारा उठाये प्रश्नों के समाधान प्रस्तुत किए।मुख्यातिथि श्री बुटेल जी ने अपने आनलाइन सम्बोधन में कहा कि चर्चित मुख्य विषय और उपविषय आधुनिक समय की औचित्यपूर्ण कसौटी पर खरा उतरते हैं क्योंकि सतत विकास आज के भौतिकवादी और समस्यापरक युग का ज्वलंत विषय है और ऐसी दूरदर्शी योजना है जिसके तहत आर्थिक विकास, सामाजिक न्यायसंगता और पर्यावरण संरक्षण के समावेशन से विकास की नवीन क्षमताओं की ओर संकेत करती है और मानव की शक्ति का समुचित दोहन करने में विश्वास रखती है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारकों के संदर्भ में हिमाचल प्रदेश में जुलाई अगस्त 2023 में घटी प्राकृतिक आपदा से लगभग 12000 करोड़ की संपत्ति और असंख्य जानों की क्षति का उल्लेख करते हुए इसे भयंकर त्रासदी बताया ।उन्होंने आवाहन किया कि इस प्रकार के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और संगोष्ठियां भविष्य में भी अधिक संख्या में की जानी चाहिए और इनमें नई पीढ़ी की सहभागिता और उपस्थिति सुनिश्चित की जानी चाहिए। शोध पत्र लेखन में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मौलिक सृजन अवश्य निहित रहना चाहिए। तथ्य , ईमानदारी और तटस्थता से शोध पत्रों को नये आयाम दिए जा सकते हैं तथा नवागत शोधार्थियों का मार्गदर्शन बेहतरीन ढंग से हो सकता है। वक्तव्य के अंत में उन्होंने सम्मेलन की सफलता और सार्थकता के लिए प्राचार्य महोदय और आयोजन समिति के प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की। सम्मेलन स्मारिका का विमोचन आमंत्रित वक्ता डॉ रणवीर राणा को करकमलों द्वारा हुआ। प्रतिवेदन प्रो राजीव भूरिया ने प्रस्तुत किया तथा मंच संचालन डॉ मीनाक्षी ठाकुर ने किया।इसके उपरांत मुख्य संरक्षक डॉ आजाद द्वारा शोध प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गये। मुख्य संरक्षक तथा आयोजन समिति द्वारा आमंत्रित वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।सम्मेलन में प्रबंधन समिति के सदस्यों डॉ बोविंदर , डॉ शैलजा वासुदेवा, डॉ दीप ठाकुर, डॉ दिवाकर, डॉ तनवीर सहित संस्थान के संकाय सदस्यों तथा अन्य महाविद्यालयों से पधारे शिक्षकों ने भाग लिया।

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