धर्मपुर क्षेत्र में बांस निर्मित परियोजना को सीपीडी नागेश गुलेरिया ने की एक करोड़ रुपये की घोषणा - Smachar

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धर्मपुर क्षेत्र में बांस निर्मित परियोजना को सीपीडी नागेश गुलेरिया ने की एक करोड़ रुपये की घोषणा

 जाइका प्रोजेक्ट को शिखर पर पहुंचा रहे नागेश गुलेरिया : चंद्रशेखर

- धर्मपुर के सिद्धपुर में एक दिवसीय कार्यशाला व प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

- सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया ने जनता से किया सीधा संवाद

- धर्मपुर क्षेत्र में बांस निर्मित परियोजना को सीपीडी नागेश गुलेरिया ने की एक करोड़ रुपये की घोषणा


धर्मपुर: मंडी

हिमाचल प्रदेश में जाइका वानिकी परियोजना को शिखर पर पहुंचाने के लिए मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया सराहनीय कार्य कर रहे हैं। यह बात बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर के समीप सिद्धपुर में जाइका वानिकी परियोजना द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला एवं प्रदर्शनी के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि एवं स्थानीय विधायक चंद्रशेखर ने कही। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नागेश कुमार गुलेरिया ने जाइका वानिकी परियोजना को शिखर पर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि इस परियोजना को उंचाईयों पर पहुंचाने में सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया ने सराहनीय कार्य किए हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि जाइका प्रोजेक्ट के तहत जुड़े स्वयं सहायता समूह ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स तैयार कर रहे हैं। जो आजीविका कमाने का नया दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए आगामी चार साल चुनौतियों भरा रहेगा। विधायक ने कहा कि जाइका में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से काम हो रहा है। सभी स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक बिजनेस प्लान तैयार करने को कहा। चंद्रशेखर ने धर्मपुर क्षेत्र में बांस परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये के बजट की घोषणा के लिए सीपीडी नागेश कुमार गुलेरिया का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के आगाज से पहले विधायक चंद्रशेखर ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने जाइका वानिकी परियोजना द्वारा किए जा रहे सभी कायों की सराहना की।

मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने अपने संबोधन के माध्यम से लोगों को मशरूम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि तीन किस्मों की मशरूम की खेती से लोगों को आजीविका कमाने का मौका मिलेगा। नागेश कुमार गुलेरिया ने यहां मौजूद स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना पिछले पांच वर्षों से हिमाचल में आजीविका सुधार के साथ-साथ ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत प्रदेश में 920 स्वयं सहायता समूहों का गठन करने का लक्ष्य है, जिसमें से वर्तमान में 878 स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है। जो कई उत्पाद निर्मित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में परियोजना की गतिविधियों को और अधिक बढ़ाने की जरूरत है।

एक विजनरी लीडर हैं चंद्रशेखर: गुलेरिया

मुख्य परियोना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि यहां के स्थानीय विधायक चंद्रशेखर एक विजनरी लीडर हैं। उन्होंने कहा कि विधायक चंद्रशेखर धर्मपुर क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर लाएंगे। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधियों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों से 1 करोड 25 लाख की बिक्री हो चुकी है। नागेश कुमार गुलेरिया ने धर्मपुर में बैंबू प्रोजेक्ट यानी बांस परियोजना के लिए एक करोड़ रुपये की घोषणा की। नागेश कुमार गुलेरिया ने सभी ग्रुप को बिजनेस प्लान में अधिक से अधिक आजीविका गतिविधियों को शामिल करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना 365 दिन का रोजगार दे रही है। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार शुद्ध घी को 14 सौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचेंगे। इस अवसर पर सीसीएफ मंडी अजीत ठाकुर, डीएफओ जोगिंद्रनगर कमल भारती समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

डा. लाल सिंह ने मशरूम की खेती पर दी प्रस्तुति

हिमालयन रिसर्च ग्रुप के निदेशक डा. लाल सिंह ने मशरूम की खेती पर प्रस्तुति दी। उन्होंने प्रदेश में तैयार होने वाले मशरूम के तीनों किस्मों के बारे लोगेां को अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सिद्धपुर हिमाचल का केरल हो सकता है। ढिंगरी मुशरूम की प्राकृतिक खेती हो सकती है। खास मशरूम के बारे में जानकारी दी। डा. लाल सिंह ने पंडाल में उपस्थित स्वयं सहायता समूहों को शिटाके मशरूम, बटन मशरूम और ढिंगरी मशरूम के बारे अवगत करवाया। डा. लाल सिंह ने कहा कि शिटाके मशरूम सब्जी कम, दवाई का काम अधिक करता है।

 

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