आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा के इस्तीफे की उठाई मांग सीपीआईएम राज्य सचिव ओंकार शाद ने
आईआईटी मंडी के निदेशक लक्ष्मीधर बेहरा के इस्तीफे की उठाई मांग सीपीआईएम राज्य सचिव ओंकार शाद ने
विवाद तब खड़ा हुआ, जब डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने छात्रों से मांस न खाने की शपथ लेने को कहा और ये दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाएं, जानवरों पर हो रही क्रूरता के कारण हो रही है. उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर हमने जानवरों को काटना बंद नहीं किया तो हिमाचल प्रदेश का बहुत बड़ा नुकसान होगा. अच्छा इंसान बनने के लिए मांस खाना बंद करना होगा. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
इस ब्यान पर सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने कहा कि मांस खाने पर आईआईटी मंडी के निदेशक के विचार बिना किसी संदेह के साबित हो गए हैं कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि एक विशिष्ट प्रौद्योगिकी संस्थान में रहने वाले व्यक्ति के पास साइंटिफिक विजन है. उन्होंने कहा कि डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा के विचार अवैज्ञानिक हैं और उनके प्रोफेशनल वैल्यू और एथिकल वैल्यू में बहुत बड़ा विरोधाभास है. स्टूडेंट्स पर अपने व्यक्तिगत विचार थोपना यह ठीक नहीं है।
अब सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने बेहरा से इस्तीफे और सार्वजनिक माफी की मांग की है।सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद ने आईआईटी मंडी के निदेशक डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा को पत्र लिख कर माफी और इस्तीफे की मांग की है। इस पत्र की एक प्रति केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी भेजी गई।
पत्र में बेहरा से पूछा कि क्या आपको फोरलेन रोड के लिए पहाड़ियों की अंधाधुंध कटाई, पनबिजली बांधों के प्रतिकूल प्रभाव, पहाड़ों पर शहरों के अनुचित विस्तार और अनियोजित विकास के कारण पहाड़ियों की घटती वहन क्षमता नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि लोगों की खान-पान की आदतों, सांस्कृतिक मूल्यों, जीवनशैली पर हमला करना और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना राज्य के लोगों का अपमान है. शाद ने कहा कि आईआईटी मंडी के निदेशक को हिमाचल प्रदेश के 80 लाख लोगों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
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