दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत महापुराण साप्ताहिक कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया - Smachar

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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत महापुराण साप्ताहिक कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया

 दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत महापुराण साप्ताहिक कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन  किया


बटाला (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर)दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत महापुराण साप्ताहिक कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन  किया गया। जिस के अंर्तगत सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री गौरी भारती जी ने भागवत महापुराण में से गोकर्ण और धुंधुकारी का वर्णन करते हुये बताया कि धुंधुकारी सब बालकों से झगड़ा करता । वह बहुत ही निरंकुश हो गया । आत्मदेव की समस्त भावनायें जो संतान के प्रति  माता-पिता की होती हैं। वे सब भावनाएं टूट गयीं। पुत्र को अच्छे संस्कार न दे पाने से वे दुखी हुये  तथा परिवार का त्याग कर वन में चले गये। आज संस्कार विहीनता के वातावरण में पल रही युवा  पीढ़ी की यही दशा है। जिस प्रकार मिठाई से मिठास, इक्षुदण्ड से रस, दुग्ध से घी निकाल लेने से ये निःसार, तेजहीन हो जाते हैं। वैसे ही मानव के जीवन से संस्कार नहीं तो वह तेजहीन हो जाता है। संस्कारों की आवश्यकता है जो विश्व रूपी बगिया को सरस, सुंदर, सुरभिमय बना सकें। क्योंकि जहां संस्कार हैं वहां उच्च श्रेष्ठ समाज की परिकल्पना साकार होती है। 

         वराहवतार की कथा सुनायी। हिरण्याक्ष के पास इतनी शक्ति आ गयी कि वह धरती को रसातल में ले जाता है। यहां रसातल से भाव है कि धरा की धारण करने की शक्ति को छीन लेना। आज भी धरती रसातल में ही है। धरा के संसाधनों का दोहन हो रहा है। कोयला, जल, दुर्लभ पदार्थ सब समाप्त होने की कगार पर है। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि हमें रहने के लिये दूसरी धरती खोजनी होगी। उन्होंने दूर अंतरिक्ष में ऐसे ग्रह खोजे जो देखने में धरती जैसे लगते हैं। उनका कहना है शायद इन पर पानी भी मिल जाऐ। नासा ने  अमेरिका के लोगों को मंगल ग्रह पर ले जाने की अनुमति भी प्रदान कर दी है। चाहे मानव मंगल पर चला जाए या किसी अन्य ग्रह पर यदि उसके क्रियाकलाप ठीक न हुये तो वह उस ग्रह को भी नष्ट कर देगा। हम सब आध्यात्मिक जाग्रति को प्राप्त कर धरा को ही मंगल बनायें। पृथ्वी दिवस मनायें लेकिन जाग्रति होनी आवश्यक है। तदुपरांत भगवान नारायण ने वराहवतार धारण कर हिरण्याक्ष का कल्याण किया और पृथ्वी को दुख के रसातल से बाहर निकाला गया।

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