स्पेन का दंपति ने एक अनाथ बच्ची को दिल्ली रेलवे स्टेशन से लिया था गोद, आइए जानें - Smachar

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स्पेन का दंपति ने एक अनाथ बच्ची को दिल्ली रेलवे स्टेशन से लिया था गोद, आइए जानें

स्पेन का दंपति ने एक अनाथ बच्ची को दिल्ली रेलवे स्टेशन से लिया था गोद, आइए जानें 


ओडिशा में हॉकी प्रो लीग मैच चल रहा है और जुआन एस्कारे इस स्पेनिश हॉकी टीम के सहायक कोच के रूप में भारत आए हैं. एस्कारे का कहना है कि इस बार की उनकी भारत यात्रा पहले से ज्यादा खास है. जुआन ने कहा कि यह मेरी बेटी सौम्या का घर है. एस्कारे का कहना है कि स्पेन के बंदरगाह शहर एलिकांटे में सौम्या सदा प्रसन्न रहने वाली…और मजाकिया लहजे वाली लड़की बन गई है. उसने हॉकी खेलना भी शुरू कर दिया है.

आपको बताते चलें कि जब उन्होंने अपनी बेटी मार्टिना के जन्म के बाद एक बड़ा फैमली बनाने का खयाल आया तो मेरी पत्नी ग्रेसिया को बच्चा गोद लेने का विचार आया. एस्कारे कहते हैं कि हम किसी की हेल्प करना चाहते थे. स्पेन में गोद लेने की प्रक्रिया जो थी उसके तहत, सबसे पहले उस देश को चुनना होता है जहां से बच्चा होगा. एस्कारे के लिए चुनाव आसान था. वह कहते हैं कि हमें भारत को चुनने में दो सेकंड का समय लगा. और ऐसा क्यों नहीं? चेन्नई से चंडीगढ़ से हैदराबाद तक विभिन्न शहरों में खेलने के बाद एस्कारे भारत में आरामदायक महसूस करते थे और उनके यहां बहुत अच्छे दोस्त थे और फिर, हॉकी थी.

एस्कारे ने कहा- भारत में खेले हुए मैच मेरे जीवन पर बड़ा प्रभाव डाला है और फिर, जब मैं अपनी वाईफ के साथ यहां आया, तो हम दोनों को ही भारत देश से प्यार हो गया।एजेंसियों से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया काफी लंबी और आसान नहीं थी, एस्कारे का कहना है कि दो साल तक दंपती को संबंधित एजेंसियों से कोई जवाब नहीं मिला. जैसे ही उन्होंने आशा छोड़ दी, तभी उन्हें एक फोन आया, इस फोन कॉल ने उनके जीवन में तो जैसे खुशियां ही ला दीं. कुछ ही समय में, एस्कारे और उनकी वाईफ मार्टिना ने नई दिल्ली की उड़ान भारी और उस अनाथालय में गए जहां सौम्या थी.

एस्कारे बताते हैं कि हम चार लोगों के एक परिवार ने राजधानी के एक होटल में दिन बिताया. एस्कारे ने आगे कहा कि वह तब छह साल की थी. उसके अतीत के बारे में हम यही जानते हैं कि अनाथालय के कर्मचारियों ने उसे दिल्ली में एक रेलवे स्टेशन पर पाया था। तब वह मात्र दो साल की थी।एस्कारे बताते हैं कि एक नए देश में नए लोगों के साथ रहना और नया जीवन शुरू करना सौम्या के लिए शुरुआत में थोड़ा कठिन था और उसकी बड़ी बहन मार्टिना ने उसे वहां घुलने-मिलने में काफी सहायता की. एस्कारे हंसते हुए कहते हैं कि अब ये दोनों हर दिन बहनों की तरह लड़ती भी हैं. यह पूछने पर कि क्या सौम्या को भारत में अपना जीवन याद है, एस्कारे कहते हैं कि वह बहुत छोटी है और अतीत के बारे में बात नहीं करना चाहती. लेकिन उन्हें पता है कि जैसे-जैसे वह बड़ी होगी, सौम्या जरूर अपने अतीत के बारे में जानने के लिए उत्सुक होगी. हालांकि, यह बात उन्हें चिंतित नहीं करती, क्योंकि उनका परिवार भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है. बल्कि, हॉकी के इस दिग्गज के मन में अब एक और ही ख्याल है।

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