वन परिक्षेत्र कार्यालय जवाली के परिसर में अवैध रूप से हरे पेड़ों को काटने का मामला प्रकाश में आया है।
वन परिक्षेत्र कार्यालय जवाली के परिसर में अवैध रूप से हरे पेड़ों को काटने का मामला प्रकाश में आया है।
वन परिक्षेत्र कार्यालय परिसर में तुणी के दो पेड़ काटे गए लेकिन किसकी परमिशन से काटे गए, इसका कोई भी स्पष्ट जबाब नहीं दिया जा रहा है। रेंज अधिकारी जवाली व डीएफओ नूरपुर इस पर कोई भी स्पष्ट जबाब नहीं दे पा रहे हैं। तुणी के पेड़ कटान पर प्रतिबंध लगा हुआ है तो फिर वन परिक्षेत्र कार्यालय में लगे तुणी के दो पेडों को कैसे काट डाला गया। विभागीय अधिकारी जबाब दे रहे हैं कि पेड़ गिर रहे थे परंतु सवाल यह है कि बिना बारिश व तूफान पेड़ कैसे गिर गए और दूसरा कि इतने बड़े पेड़ों के गिरने से रिहायशी आशियाने का कोई नुकसान क्यों नहीं हुआ। केवल तुणी के पेड़ ही क्यों गिरे जबकि आसपास अन्य पेड़ भी हैं। लोगों ने मांग की है कि बिना परमिशन पेड़ों को काटने की एवज में विभागीय अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
परिक्षेत्र अधिकारी आशीष के बोल:
वन परिक्षेत्र अधिकारी जवाली आशीष ने बताया कि पेड़ मेरे रिहायशी आशियाने पर गिर गए थे इसलिए कटवाए गए हैं।
डीएफओ अमित शर्मा के बोल :
डीएफओ नूरपुर अमित शर्मा ने बताया कि इस बारे मुझे इसकी जानकारी नहीं है। पता करने पर ही कुछ बता पाऊंगा।
एसडीएम विचित्र सिंह के बोल :
एसडीएम जवाली विचित्र सिंह ने कहा कि मेरे द्वारा वन विभाग को कोई भी परमिशन नहीं दी गई है। अगर बिना परमिशन पेड़ काटे गए हैं तो शिकायत मिलने पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं