23 साल की उम्र में पिया शहादत का जाम, माँ का इकलौता बेटा हुआ शहीद - Smachar

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23 साल की उम्र में पिया शहादत का जाम, माँ का इकलौता बेटा हुआ शहीद

23 साल की उम्र में पिया शहादत का जाम, माँ का इकलौता बेटा हुआ शहीद

श्रीराम नाइक ने बताया कि मुरली उनका इकलौता बेटा था। "मैं और मेरी पत्नी नहीं चाहते थे कि वह सेना में जाए, लेकिन उसने हमारी इच्छा के खिलाफ जाकर सेना जॉइन की। वह हमें यह भी नहीं बताता था कि वह कश्मीर में तैनात है। कहता था कि पंजाब में हूं, ताकि हम चिंतित न हों।शहादत से एक दिन पहले मुरली ने अपने माता-पिता से आखिरी बार सुबह 8 बजे वीडियो कॉल पर बात की थी। श्रीराम नाइक बताते हैं, "उसने हमसे हालचाल पूछा और कहा कि आज पूरा दिन आराम करूंगा। हमें क्या पता था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी।अगले ही दिन सुबह 9 बजे सेना के अधिकारियों का कॉल आया। पहले उनकी मां ज्योति बाई ने फोन उठाया। जब अधिकारी ने मुरली की पहचान पूछी, तो उन्होंने कहा, 'मुरली मेरा बेटा है।' इसके बाद अधिकारी ने कहा कि फोन अपने पति को दीजिए... और फिर उस खबर ने हमारी दुनिया उजाड़ दी।

श्रीराम नाइक और उनकी पत्नी ज्योति बाई से उनका इकलौता बेटा एम. मुरली नाइक छीन लिया गया - वो भी महज 23 साल की उम्र में।

शहीद मुरली नाइक के पिता श्रीराम नाइक ने भर्राए गले से कहा, "मेरा इकलौता बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। हमें उस पर गर्व है कि उसने देश के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन दर्द इस बात का है कि हम उसी पर निर्भर थे। वह हमारा बुढ़ापे का सहारा था। अब हम बेसहारा हो गए हैं। हम किसके सहारे जिएंगे?

मीडिया से बात करते हुए श्रीराम नाइक की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा, "नीच पाकिस्तान ने हमारा इकलौता बेटा छीन लिया। यह दुख ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। अब जो भी समाधान हो, मैं उसे देश की सरकार पर छोड़ता हूं। जो निर्णय होगा, वह देश को ही लेना है।

मुदवथ मुरली नाइक आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साई जिले के गोरंटला मंडल के कल्ली थांडा गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार लंबे समय से महाराष्ट्र के मुंबई के कामराजनगर, घाटकोपर (पूर्व) में भी रह रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद 9 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर तैनाती के दौरान वे शहीद हो गए। उन्होंने दिसंबर 2022 में अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना जॉइन की थी और महाराष्ट्र के नासिक जिले के देवलाली में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया था। शहीद हुए शहीद मुरली नाइक के पार्थिव शरीर को बेंगलुरू से कल्लीटांडा ले जाया जा रहा है, जहां बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं।


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