पालमपुर भ्रष्टाचारियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह- राजेश राणु।
पालमपुर भ्रष्टाचारियों के लिए सबसे सुरक्षित जगह- राजेश राणु।
उक्त आरोप भाजपा के जिला महामंत्री राजेश राणु ने पालमपुर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए लगाए।
पालमपुर : केवल कृष्ण /
उन्होंने कहा कि पालमपुर पूरे प्रदेश में एक ऐसी जगह है जहां पर सबसे ज्यादा भू माफिया, नगर निगम माफिया घोष संरक्षण माफिया टूरिज्म विलेज माफिया अवैध पार्किंग वसूली माफिया रेडी पड़ी वसूली माफिया एक्टिव रहते हों, बल्कि मैं तो यह कहना चाहूंगा कि पालमपुर का चप्पा चप्पा माफिया के चंगुल में फंसा है।
और यह बात मैं आपके सामने तथ्य के आधार पर रखूंगा, जैसे कि आप सबके ध्यान में है कि पिछले हफ्ते ही यहां के वरिष्ठ पत्रकार श्री रविंद्र सूद ने एक जमीन घोटाले का पर्दाफाश किया और उन्होंने अपने शब्दों में यह भी कहा कि यह इस सदी का पालमपुर का सबसे बड़ा जमीन घोटाला है और यह बात कहीं न कहीं सच भी है।
राणु ने कहा कि दुर्भाग्य इस बात का है कि चंद दिन मीडिया में खबर लगने के बाद या तो केस से जुड़ी फाइल दब जाती हैं या फिर भू माफियाओं के पक्ष में चली जाती हैं। मैं यह बात ऐसे ही नहीं कह रहा हूं एक उदाहरण के साथ आपको बताता हूं कि लगभग 1 साल पहले एक केस सामने आया कि किसी मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति ने यहां पर जाली कृषक प्रमाण पत्र बनाकर एक जमीन खरीद ली। मामला मीडिया में आया, खूब चर्चा में रहा पर आज तक न तो वह व्यक्ति अरेस्ट हुआ और न ही वो फाइल पालमपुर से आगे बढ़कर डीसी ऑफिस तक पहुंची।
मैं बताना चाहता हूं और बताने में मुझे कोई परहेज नहीं है कि ऐसा ही मामला किसी के नाम के पट्टे की जीपीए किसी को मिल जाती है और वह रातों-रात जमीन को करोड़ों रुपए में किसी और को बेच भी देता है, जबकि उसमें भी सरे आम धांधली हुई है और शायद वह केस तो विजिलेंस दफ्तर पहुंच भी चुका है। और यह सब हुआ माननीय विधायक श्री आशीष पटेल जी के कार्यकाल में जो कि यह कह रहे हैं कि इस जमीन घोटाले की जांच के लिए मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा
जिला महामंत्री ने तो माननीय विधायक से मैं पूछना चाहता हूं कि लगभग एक हफ्ता हो गया मीडिया में चलते हुए इस भूमि घोटाले को। क्यों आज तक वही अधिकारी और कर्मचारी इस कार्यालय को चला रहे हैं, क्यों अभी तक कोई विजिलेंस का अधिकारी यहां नहीं आया या फिर क्यों जिला प्रशासन ने इस पर कोई संज्ञान लिया। ऐसा लग रहा है मानो घोटाले से जुड़े सभी साक्ष को मिटाने के लिए इनको टाइम दिया हो।
राणु ने कहा कि अब अगर बात यहां नगर निगम की करें तो यह दफ्तर भी किसी से काम नहीं है, झूठी ग्रंथियां देखकर कांग्रेस हिमाचल की तरह इस नगर निगम में भी काबिज हो गई और पार्षद इनके ठेकेदार बन गए। निगम चुनाव से पहले इन्होंने 10 ग्रंथियां की घोषणा की थी इनका कार्यकाल समाप्त होने को भी आ गया पर एक भी गारंटी पूरी करना तो छोड़ो वह गारंटी वाला कागज भी इन्होंने उठाकर आज तक नहीं देखा होगा । सिर्फ यह देखा कि कैसे टेंडर लिया जाए या अपने चाहतों को दिया जाए, रेडी-फड़ी वालों से कैसे वसूली की जाए, पैसे कहां से कमाई जाएं। जैसा की एक उदाहरण आपके सामने है विक्रम बत्रा मैदान के बाहर बेंच लगे होते थे ताकि यहां के राहगीर यहां बैठ सकें मैदान में लगी खेलों को देख सकें पर इस समझदार नगर निगम ने उन बैंकों को हटाकर सड़क के सफेद लाइन के बाहर पार्किंग बना दी और अपने चाहतों को देखकर लग पड़े लोगों को लूटने। देसी दफ्तर की बात की जाए तो कोई आम आदमी को अगर अपने घर का नक्शा भी पास करवाना हो तो महीनों महीनों इस दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं। नगर निगम के जो अधिकारी हैं वह भी अपने विवेक से काम करने में असमर्थ लगते हैं जैसा की पिछले कई महीनो से हिमाचल प्रदेश के सभी विभागों में 1 लाख रुपए से ऊपर के सभी टेंडर ऑनलाइन लगते हैं जबकि नगर निगम में बड़े आराम से अपने चाहतों को 5 लाख रुपए तक के टेंडर दे दिए जाते हैं, उनके अपने ही रूल रेगुलेशन है।
और यही हाल इनके भू संरक्षण विभाग का है यहां भी पिछले कुछ सालों की इंक्वारी की जाए तो यहां भी पिछले टेंडर सिर्फ तीन-चार लोगों को ही मिलते हैं, जबकि इस विभाग को पैसे लोगों की मदद करने के लिए और भूमि बचाने के लिए मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार के संवेदनशीलता की बात की जाए तो कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के जमीन पर टूरिज्म विलेज बनाने के लिए कितनी उतावली है कि हाई कोर्ट में तेल लगा दिया तो सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई।विश्वविद्यालय में कोई और अच्छे कोर्स आए इसके लिए उनके मुंह से कभी आपने एक शब्द भी नहीं सुना होगा।
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