वरिष्ठ कथाकार एवं साहित्य इतिहास लेखक डॉ सुशील कुमार फुल्ल - Smachar

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वरिष्ठ कथाकार एवं साहित्य इतिहास लेखक डॉ सुशील कुमार फुल्ल

वरिष्ठ कथाकार एवं साहित्य इतिहास लेखक डॉ सुशील कुमार फुल्ल 


वरिष्ठ कथाकार एवं साहित्य इतिहास लेखक डॉ सुशील कुमार फुल्ल ने अपने निवास स्थान पर नाहन से पधारे बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक श्री दीनदयाल वर्मा के नव प्रकाशित कहानी संग्रह "प्रकृति के रंग"का विमोचन करते हुए कहा कि वर्मा जी 33 वर्ष तक वन विभाग में सेवानिवृत होने के बाद अपने मानस में वन संपदा की रची बसी यादों पर आत्मीयता एवं अनुभवों पर आधारित नाटक, उपन्यास एवं एकांकी आदि लिखने के बाद अब प्रकृति के रंग शीर्षक से अपने कहानी संग्रह में नौ कहानियां लेकर उपस्थित हुए हैं। इनमें भी वन संपदा, वन्य जीवन तथा मानवीय संवेदना का परस्पर संवाद चित्रित मिलता है ।वर्मा जी ने लगभग 20 पुस्तकें लिखी हैं जो अधिकांश वनों ,पर्यावरण एवं वनों के बने रहने के सामंजस्य को दर्शाती हैं ।साहित्य उनके लिए संवेदना का पर्याय है और वे अपनी रचनाओं के माध्यम से कोई ना कोई सार्थक संकेत छोड़ देते हैं जो मानवता के लिए उपयोगी होता है। उसका अंश अपनी रचनाओं में बड़ी स्पष्टता से रेखांकित कर देते हैं। पुस्तक रश्मि प्रकाशन नाहन से प्रकाशित हुई है ।

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