ज्वाली के चलवाड़ा में हो रही श्रीमद्भागवत पुराण की कथा सृष्टि क्रम से होती हुई भीष्म पितामह प्रसंग तक पहुंची - Smachar

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ज्वाली के चलवाड़ा में हो रही श्रीमद्भागवत पुराण की कथा सृष्टि क्रम से होती हुई भीष्म पितामह प्रसंग तक पहुंची

ज्वाली के चलवाड़ा में हो रही श्रीमद्भागवत पुराण की कथा सृष्टि क्रम से होती हुई भीष्म पितामह प्रसंग तक पहुंची 


ज्वाली उपमंडल के अन्तर्गत चलवाड़ा के खिल्लड़ू नामक स्थान पर समस्त गांव वासियों द्वारा श्रीमद्भागवत पुराण कथा का भव्य आयोजन करवाया जा रहा है ।कथा का रसपान करने के लिए साथ लगते गांव के लोगों का हुजूम उमड़ रहा है।

आपको बता दें कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष इस कथा का शुभारंभ 28 मार्च से हुआ और श्रीमद्भागवत कथा का विश्राम 3 अप्रैल को होगा । श्रीमद् भागवत की कथा 3 दिन में प्रवेश कर गई इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने हरि भजनों पर झूमते हुए कलश यात्रा निकाली और कथा का शुभारंभ किया कथावाचक स्वामी जी ने श्रीमद्भागवत के महात्म्य का सुंदर वचनों में लोगों के सामने रखा जिसमें उन्होंने विष्णु भगवान के विभिन्न विभिन्न अवतारों के विषय से श्रोताओं को अवगत करवाते हुए इस अमृत तुल्य श्रीमद्भागवत का रसपान करवाया उन्होंने कहा कि धन्य है वह विशेष व्यक्ति जो जनकल्याण की भावना से इस श्रीमद् भागवत कथा का अनुष्ठान करवाते है।

उनका कहना है कि जितने भी यज्ञ अनुष्ठान हैं वह केवल प्राणी मात्र देहधारी प्राणी का उद्धार करते हैं परन्तु श्रीमद्भागवत कथा एक ऐसी कथा है जिसका श्रवण अगर पिशाच योनी का प्राणी भी कर ले तो उसे भी भगवान विष्णु का अनुग्रह प्राप्त होता है और वह मोक्ष का अधिकारी बनता है। उनका कहना है कि धन्य है वह माता-पिता जिन्होंने ऐसी सन्तान को जन्म दिया है जो कि जनकल्याण की भावना से इस खिलड़ू नामक स्थान पर श्रीमद्भागवत पुराण की कथा का आयोजन करवा रहे हैं।

आयोजन कर्ताओं का कहना है कि हमारी करबद्ध प्रार्थना ही आप अपने परिवार एवम मित्रों सहित इस ज्ञान गंगा के अमृत सरोवर में डुबकी लगाएं और श्रीमद्भागवत कथा का अमृत पान करे, और ज्यादा से ज्यादा मित्रों सहित जरूर पधारें।




             

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