शिमला के रोहड़ू में प्लेग को लेकर एनसीडीसी बैंगलौर की टीम ने दौरा किया। - Smachar

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शिमला के रोहड़ू में प्लेग को लेकर एनसीडीसी बैंगलौर की टीम ने दौरा किया।

शिमला के रोहड़ू में प्लेग को लेकर एनसीडीसी बैंगलौर की टीम ने दौरा किया।


 शिमला : गायत्री गर्ग /

इस दौरान लोगों को प्लेग संक्रमण के बारे में जागरुक किया गया। इस टीम में अनुसंधान सहायक अनोक मेल्विन मार्शल और चिकित्सा अधिकारी डॉ सयाना भास्करन शामिल थे। इनके द्वारा 16 से लेकर 19 अप्रैल तक प्लेग निगरानी की गतिविधियों को लेकर रोहड़ू का दौरा किया गया। इस दौरान टीम तांगनु व खोरसु गांव गई। इसके अलावा टीम ने यह भी पाया कि रोहडू सिविल अस्पताल में 4 प्रशिक्षित स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी हैं जो एनसीडीसी द्वारा प्रशिक्षित हैं। रोहड़ू में राज्य टीम 20 अप्रैल यानी आज तक प्लेग निगरानी जारी रखेगी और रोहडू के अधिकतर गांवों को कवर करेगी। जानकारी के अनुसार साल 2002 में हाटकोटी गांव, रोहडू में प्लेग का प्रकोप हुआ था। जिसे एनसीडीसी और प्रदेश सरकार ने नियंत्रित किया था। जिसके बाद से रोहडू, शिमला एनसीडीसी, डीजीएचएस, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, बैंगलोर की टीम द्वारा लगातार प्लेग निगरानी में है।

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यह हैं प्लेग के लक्षण

प्लेग के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, कमजोरी और सूजन लिम्फ नोड्स शामिल हैं। प्लेग विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें ब्यूबोनिक, सेप्टिसेमिक और न्यूमोनिक शामिल हैं। ब्यूबोनिक प्लेग में सूजन और दर्दनाक लिम्फ नोड्स की विशेषता होती है, जबकि सेप्टिसेमिक प्लेग में बुखार, ठंड लगना, अत्यधिक कमजोरी, पेट में दर्द, सदमा, त्वचा और अन्य अंगों में रक्तस्राव शामिल होता है। न्यूमोनिक प्लेग फेफड़ों को प्रभावित करता है और खांसी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द और खूनी थूक जैसे गंभीर श्वसन लक्षण पैदा कर सकता है।

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