क्षेत्रीय केंद्र में भारत की परिकल्पना विकसित की गई - Smachar

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क्षेत्रीय केंद्र में भारत की परिकल्पना विकसित की गई

 क्षेत्रीय केंद्र में भारत की परिकल्पना विकसित की गई

संस्था के संस्थापक ने अपने विचार से बातचीत की


धर्मशाला आईएसआईआरएसईआरईएल दो दिव्य राष्ट्रीय सम्मेलन विकसित भारत 2047 का उद्घाटन सत्र रविवार को प्रदेश विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र, धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश में हुआ। यह सम्मेलन अर्थशास्त्र, वाणिज्य और प्रबंधन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 250 से अधिक उद्यमियों ने रजिस्ट्रेशन कर उत्साह हीनता भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. मनीष गौड़, निदेशक रहते हुए ओपेन वास्कल एवं पैनल चर्चा की अध्यक्षता प्रो. मदन लाल, दिल्ली स्कूल ऑफ कॉमन्स, दिल्ली विश्वविद्यालय। प्रो. डी.पी. वर्मा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। सम्मेलन के सह-अध्यक्ष एवं एचपीयूआरसी, धर्मशाला के निदेशक प्रो. कंपनी अत्री ने इस मंच की राष्ट्रीय महत्व की कंपनी का स्वागत करते हुए प्रकाश डाला। सम्मेलन के संयोजक डॉ. राम रतन ने सम्मेलन की प्रस्तुति की और इसके उद्देश्य, थीम और विकसित भारत की परिकल्पना को विस्तार से साझा किया। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन देश के विकास के लिए शिक्षक-विचार-विमर्श और रणनीति निर्माण का एक प्रभावशाली मंच है। विवरण चर्चा में प्रो. मोहेन्दर सिंह, प्रो. संगीत सिंह, प्रो. सूर्य किरण रावत, डॉ. विजय नाग डॉ. सीपना प्रकाशम ने भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति, महिला भागीदारी, सतत विकास और वित्तीय समावेशन जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए। साथ ही, देश के विभिन्न शिष्यों से आए विश्वविद्यालयों और शिक्षा साधकों ने छह तकनीकी सत्रों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। दिन का समापन समृद्ध चर्चा और विकास, समग्र भारत की साझा दृष्टि के साथ हुआ।

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