इस एक किलो लकड़ी की कीमत में आ जाए मारुति बलेनो, 1 पेड़ से होती है 7 करोड़ की कमाई, क्या आप उगा सकते हैं? - Smachar

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इस एक किलो लकड़ी की कीमत में आ जाए मारुति बलेनो, 1 पेड़ से होती है 7 करोड़ की कमाई, क्या आप उगा सकते हैं?

 इस एक किलो लकड़ी की कीमत में आ जाए मारुति बलेनो, 1 पेड़ से होती है 7 करोड़ की कमाई, क्या आप उगा सकते हैं?


भारत में चंदन के पेड़ को बहुत तरजीह दी जाती है. इसकी वजह है कि यह दुर्लभ है और काफी महंगा है. एक किलो चंदन की लकड़ी 7-8 हजार रुपये में मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सबसे महंगी लकड़ी नहीं है. आज हम आपको ऐसे पेड़ के बारे में बताएंगे जिसकी एक किलो लकड़ी की कीमत लाखों में है.

हम बात कर रहे हैं अफ्रीकन ब्लैकवुड (African Blackwood Tree) की. यह लकड़ी मुख्य रूप से अफ्रीका के सूखे क्षेत्रों में पाई जाती है. इस पेड़ की एक किलो लकड़ी की कीमत 7 लाख रुपये है. जैसे चंदन की लकड़ी दुर्लभ होती है, उससे कहीं ज्यादा दुर्लभ अफ्रीकन ब्लैकवुड


इसका दुर्लभ होना ही इसे इतना महंगा बनाता है. इसका पेड़ कोई बहुत बड़ा नहीं होता है. अमूमन इसका पेड़ 1 क्विटंल के आसपास का होता है. इस लिहाज से देखा जाए तो एक पेड़ की कीमत 7 करोड़ रुपये के पार जा सकती है. यानी एक पेड़ बेचकर भी आप करोड़पति बन सकते


इस लकड़ी का इस्तेमाल म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट जैसे, शहनाई, बांसुरी व गिटार आदि बनाने के लिए किया जाता है. इतना ही नहीं इस लकड़ी का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए भी किया जाता है. लेकिन इससे बना फर्नीचर इतना महंगा होता है कि उसे किसी आम आदमी द्वारा खरीद पाना बेहद मुश्किल होता है

इसके दुर्लभ होने के कारण चंदन की ही तरह इसकी तस्करी भी बहुत होती है. तस्कर इसे पूरी तरह परिपक्व होने से पहले ही काट देते हैं. इस पेड़ को पूरी तरह तैयार होने में 60 साल का समय लगता है. तस्कर उससे पहले ही इसे काटकर इसे बाजार में बेच देते हैं. पेड़ों की इतनी तेज कटाई से इसकी संख्या घटती जाती है और इनकी कीमत और अधिक बढ़ जाती है


आलम यह है कि तंजानिया जैसे देशों में अफ्रीकन ब्लैकवुड की रक्षा के लिए हथियारबंद जवान तैनात किये जा रहे हैं. इनकी सिक्योरिटी पर आने वाला खर्च भी काफी बढ़ रहा है. जिससे लोग इन्हें उगाना छोड़ रहे हैं और इनकी दुर्लभता बढ़ती जाती है.

अब सवाल है कि क्या इसे भारत में उगाया जा सकता है? तो जवाब है, हां. इसे भारत में नॉर्थ इंडियन रोजवुड के नाम से जाना जाता है. हालांकि, इसे तैयार होने में इतना लंबा समय लगता है कि लोग इसे उगाना ही नहीं चाहते हैं

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