जिला चम्बा के पांचों वन अभयारण्य क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की संख्या में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज हुई है। - Smachar

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जिला चम्बा के पांचों वन अभयारण्य क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की संख्या में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज हुई है।

 जिला चम्बा के पांचों वन अभयारण्य क्षेत्रों में वन्य प्राणियों की संख्या में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज हुई है। 



चंबा : जितेन्द्र खन्ना /

इसके प्रमाण विभाग द्वारा हाल ही में किए गए सर्वेक्षण के दौरान मिले हैं। वन अभयारण्य क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणियों को विभागीय टीमों ने अपने कैमरे में कैद किया है। कुछ स्थानों पर लगाए गए ट्रैप कैमरों के माध्यम से भी वन्य प्राणियों की तस्वीरें सामने आई हैं। विभागीय रिपोर्ट्स के मुताबिक वन अभयारण्य क्षेत्र कुगति और तुंदाह में कस्तूरी मृग, भूरा भालू, हिमालयन थार, हिमालयन आइबैक्स और मोनाल की उपस्थिति भारी संख्या में दर्ज की गई है। दिलचस्प बात यह है तुंदाह में बीते 2 वर्षों से हिमालयन आइबैक्स की उपस्थिति रिकॉर्ड नहीं हुई थी। वहीं, गमगुल सियाबेही वन अभयारण्य क्षेत्र में मोनाल व कोकलास के साथ- साथ दो पश्चिमी ट्रैगोपैन भी पाए गए हैं। सेचु तुआन में विभाग द्वारा लगाए गए ट्रैप कैमरों में बर्फीले तेंदुए सहित कस्तूरी मृग कैद हुए हैं। कालाटोप- खज्जियार वन अभयारण्य क्षेत्र में कोकलास और सामान्य तेंदुए सहित कस्तूरी मृग व सांभर की उपस्थिति भी दर्ज की गई है। विदित रहे कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी वन विभाग के वन्य प्राणी विंग द्वारा जिले के पांचों वन अभयारण्य क्षेत्रों में वन्य जीवों की संख्या के बारे में सही जानकारी हासिल करने के लिए सर्वेक्षण को अंजाम दिया गया है। मई के दूसरे सप्ताह में यह सर्वेक्षण समाप्त हुआ है। विभाग द्वारा इस सर्वेक्षण के लिए विभिन्न टीमों का गठन किया गया था ताकि सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सफ़लतापूर्वक संपन्न किया जा सके। 

वन मंडलाधिकारी वन्य प्राणी चम्बा डॉ. कुलदीप जमवाल ने बताया कि वन्य प्राणियों को संरक्षित करने के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने इस कवायद में जिला चम्बा के लोगों से भी सहयोग मांगा है।

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