आज मोदी के शासन काल में देश के आदिवासी समाज सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ा : कपूर - Smachar

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आज मोदी के शासन काल में देश के आदिवासी समाज सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ा : कपूर

आज मोदी के शासन काल में देश के आदिवासी समाज सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ा : कपूर


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से जनजातियों के नायक एवं सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी भगवान विरसा मुंडा जी की जन्म जयंती पर और बहादुर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में समर्पित 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाना यह हर देश के जनजाति वर्ग के लिए गौरवमई अवसर है। यह शब्द भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं जनजातीय नेता त्रिलोक कपूर ने जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति में व्यक्त किये।

कपूर ने कहा कि यह भाजपा का सौभाग्य है कि जब-जब देश में भाजपा की सरकार आई, निश्चित रूप से देश के हर आदिवासी समाज का समुचित रूप से विकास करने का रास्ता वना।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की वोट नीति से हिमाचल प्रदेश में नए - पुराने हिमाचल के गद्दी गुर्जरों के जनजातीय दर्जे की सुविधा का मामला 36 वर्षों से जानबूझकर लटका कर रखा हुआ था, लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार केंद्र में और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो उस समय इस चिरकाल में से चली आ रही हिमाचल के गद्दी गुजरों की जनजाति दर्जे की मांग का निवारण हुआ।

भाजपा नेता ने कहा कि यही नहीं आजादी के 52 वर्षों के अंतराल के बाद भी देश के 10 करोड़ जनजातियों के विकास के लिए अलग से जनजाति मंत्रालय ही नहीं था। यही नहीं कांग्रेस शासनकाल में किसी भी प्रधानमंत्री की कैबिनेट में देश के किसी भी कोने से चुनकर आए आदिवासी सांसद को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं था। कांग्रेस ने देश के आदिवासियों को मात्र वोटो तक ही सीमित रखा था।

कपूर ने कहा कि अटल जी ने प्रधानमंत्री बनते ही जनजातीय समाज के चरणबद्ध विकास के लिए अलग से जनजातीय मंत्रालय का गठन किया। यही नहीं आदिवासियों के अधिकार की रक्षा और उनके साथ कोई जुल्म या अन्याय न कर सके उसके लिए भी पूरी संवैधानिक ताकत के साथ अलग से अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन करके अटल जी ने अपनी वचनबद्धता को पूरा करके दिखाया।

कपूर ने बताया कि अपने मंत्रिमंडल में एक साथ उड़ीसा से जुआल ओराम, राजस्थान से जसकौर मीणा, मध्य प्रदेश से फग्गन सिंह कुलस्ते, झारखंड से बाबूलाल मरांडी व करिया मुंडा जैसे पांच सांसदों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया।

भाजपा नेता ने कहा कि अभिभाजित मध्य प्रदेश व बिहार राज्यों में रह रहे जनजातीय समाज लंबे समय से अलग राज्य की मांग के लिए संघर्ष व आंदोलन कर रहा था लेकिन उनकी मांग को भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने छत्तीसगढ़ और झारखंड नए राज्य के रूप में पूरा करने का काम किया।

भाजपा नेता कपूर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत रुचि के परिणाम स्वरूप आज देश के आदिवासी समाज सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से आगे बढ़ा है। मोदी जी के शासनकाल के इन 10 वर्षों में आदिवासियों की शिक्षा, न्याय, स्वास्थ्य या उनके जनजीवन से जुड़े हर पहलुओं के लिए कई प्रकार के विकासात्मक व रक्षात्मक कदम उठाए गए।

कपूर ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर 50 नए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखना, प्राकृतिक उत्पादों, जनजातीय व्यंजनों, समृद्ध जनजातीय संस्कृति, दुर्लभ जनजातीय हस्तशिल्प, हथकरघा को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रधानमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरीपार में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिल गया है। कांग्रेस पार्टी ने तो हमेशा हाटी समुदाय के साथ राजनीति की। उसको भी पूरा करने का काम भारतीय जनता पार्टी ने किया केंद्र की मोदी सरकार ने किया है।

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