सुख सरकार ने बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना साकार किया - Smachar

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सुख सरकार ने बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना साकार किया

 सुख सरकार ने बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना साकार किया

बेरोजगारी जिले में 640 गरीबों के बच्चों को मिली एक करोड़ 75 लाख की मदद


पहली कक्षा से लेकर पाठ्यपुस्तक तक की यात्रा सहायता

धर्मशाला सुख की सरकार ने महासचिव के नौनिहालों की निश्चल, अल्हड़ और उन्मुक्त हंसी खुशी में दोस्ती के भविष्य के रंग भरे हुए हैं। कभी-कभी अपने महल के साथ मिलकर मेहनतकश साथियों में हाथ बंटाते इन नौनिहालों को उच्च शिक्षा हासिल करने का उद्देश्य एक सपना दिखाई देता था, लेकिन मुख्यमंत्री ठाकुर सुख आदी सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य निर्माण कार्य बोर्ड ने बच्चों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की, न केवल क्वांटम में क्वांटम, बल्कि उनके नौनिहालों को आत्मनिर्भर बनने की राह पर भी आगे बढ़ाया।

धर्मशाला के तहसील नरवाना खास गांव के लखबीर सिंह, लेख राज, ज्वाली की रेनू देवी जैसे कई कृषकों ने कामगार कल्याण बोर्ड से वेटिय हेल्प मीटिंग के बाद अपने बच्चों के दोस्तों के भविष्य को संवरते हुए देखा है। कामगार लखबीर सिंह की दो बेटियों की पढ़ाई के लिए 72000 हजार की वित्तीय मदद मिली है, जिसमें एक बेटी ईशा सैनी एमएससी प्रथम वर्ष और दूसरी बेटी वंशिका जमा दो की पढ़ाई कर रही है। इसी तरह से पढ़ें राम की बेटी जमा की पढ़ाई कर रही हैं 12000 की विटिए की पढ़ाई वहीं रेनू देवी की दोनों बेटियों को 96000 की विटिए हेल्प मिली है जहां उनकी एक बेटी एमए और दूसरी बेटी बीए की पढ़ाई कर रही है।

लखबीर ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड में वर्ष-2023 में पंजीकरण कराया था। रजिस्ट्रेशन के बाद, बोर्ड की ओर से उनके बच्चों को शिक्षा के लिए लगभग 72 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह आर्थिक सहायता उनके उज्जवल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम साबित हुई। रेनू देवी ने भी 2023 में ही बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराया है और अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अब तक 96000 की वार्षिक मदद मिल चुकी है। लखवीर सिंह का कहना है, अगर सरकार की आर्थिक मदद नहीं है तो बच्चे पढ़ें नहीं। आज उन्हें आगे बढ़ता हुआ देख कर लगता है कि मेहनत रंग लाई है। उनका कहना है कि यह कहानी केवल एक परिवार की सफलता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भी कहना है कि जब सरकारी घोषणाएं तक होती हैं, तो वे जीवन को संवार सकते हैं। बेरोजगार जिले में एक साल में कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से 160 श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा के लिए एक करोड़ 17 लाख की वित्तीय सहायता उपलब्ध है।

श्रमिक कल्याण अधिकारी लोकेश ने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो किसी भवन या निर्माण कार्य में कुशल, अर्धकुशल के रूप में या मानक, लिपिकीय कार्य, सुपरवाइजर या तकनीकी, वेतन या पारिश्रमिक के रूप में कार्य करते हैं। जैसे कि मिस्त्री, पेंटर, प्लंबर, वेल्डर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, वर्कर और हेल्पर आदि कामगार की श्रेणी में आते हैं और हिमाचल प्रदेश भवन और अन्य भवन निर्माण बोर्ड द्वारा उन्हें पहली से 1 लाख 20 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ऐसे युवाओं के बच्चों की शिक्षा को क्षेत्र में आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास कर रही है। बोर्ड के माध्यम से फर्नीचर परिवार को समय-समय पर आर्थिक मदद की पेशकश की जा रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि कोई भी होनहार बच्चा केवल औपचारिकता की कमी के कारण अपने सपने से शुरू नहीं करेगा। कामगार कल्याण बोर्ड जैसे प्रयास इसी दिशा में एक मजबूत कड़ी हैं, जो राज्य के निर्माण में लगे अध्याय को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, सम्मान और सम्मान से भरा भविष्य भी दे

ते हैं।

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