बसंत पंचमी पर बच्चों से करवाएं उपाय, पढ़ाई में मन लगेगा साथ ही स्मरण शक्ति अच्छी होगी - Smachar

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बसंत पंचमी पर बच्चों से करवाएं उपाय, पढ़ाई में मन लगेगा साथ ही स्मरण शक्ति अच्छी होगी

बसंत पंचमी पर बच्चों से करवाएं उपाय, पढ़ाई में मन लगेगा साथ ही स्मरण शक्ति अच्छी होगी



लक्ष्य पर फोकस करने के लिए- 

यदि आपका बच्चा अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित पढ़ाई नहीं कर पा रहा है तथा तो इसके लिए मां सरस्वती की तस्वीर स्टडी टेबल के पास रख दें. कहा जाता है कि ऐसा करने से उनका पढ़ाई में मन लगेगा एवं साथ ही स्मरण शक्ति भी अच्छी होती है.


ऐसे कराएं बच्चों से पूजा- 

यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तथा उसका ध्यान पढ़ाई से बार-बार भटकता है, तो ऐसे में अपने बच्चे से देवी सरस्वती की पूजा कराएं. बच्चे के हाथों से पीले फल, फूल, केसर के पीले चावल मां सरस्वती को चढ़ाएं. इससे देवी प्रसन्न होती हैं तथा आपके बच्चे के मानसिक विकास का आशीर्वाद देती हैं.


इस काम से मिलेगी तरक्की- 

जिन बच्चों को क्लास में बोलने में समस्या हो या फिर वे पढ़ने के बाद भी सही तरीके से लिख नहीं पाते हैं, तो इसके लिए बसंत पंचमी पर चांदी की कलम को शहद में डूबोकर बच्चे की जीभ पर ऊं लिखें. ऐसी मान्यता है इससे बोलने में आ रही समस्या दूर होती है तथा संतान पढ़ाई में आगे रहती है.


पढ़ाई में आ रही रुकावट के लिए - 

जिन छात्रों की पढ़ाई में अड़चन आ रही है, तो उनसे बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को सफेद चंदन अर्पित कराएं तथा फिर 'ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः' मंत्र का 108 बार जाप कराएं. मान्यता है इससे पढ़ाई में कामयाबी प्राप्त होती है.


याद करने की शक्ति होगी तेज - 

बसंत पंचमी पर बच्चों के हाथों जरुरतमंदों को किताबें एवं पेन दान कराएं. मान्यता है कि ऐसा करने से वाणी दोष दूर होता है एवं बच्चे की याद करने की शक्ति तेज होती है. बच्चों का मन आध्यात्म की तरफ अग्रसर कराने के लिए किताबें एवं पेन देवी सरस्वती के चरणों में चढ़ाएं.

आपको बता दें कि हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस बार यह त्योहार 14 फरवरी को है. सनातन धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व होता है।धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन देवी शारदा की आराधना करने से कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी प्राप्त होती है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं इसलिए इस दिन को उनके जन्मदिवस के तौर पर भी मनाया जाता है।


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