मंडी जिला में आने वाले प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण एवं सत्यापन आवश्यक, जिला दंडाधिकारी ने जारी किए आदेश
मंडी जिला में आने वाले प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण एवं सत्यापन आवश्यक, जिला दंडाधिकारी ने जारी किए आदेश
मंडी जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने मंडी जिला में आने वाले प्रवासी श्रमिकों के अनिवार्य रूप से पंजीकरण एवं सत्यापन संबंधी आदेश जारी किए हैं।
अपूर्व देवगन ने कहा कि हाल ही में मंडी जिला में हुई विभिन्न आपराधिक घटनाओं में बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों व श्रमिकों की संलिप्तता पाई गई है। ऐसे तत्वों के विरुद्ध जिला पुलिस द्वारा मामले दर्ज करने के साथ ही गिरफ्तारियां कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ाई से अंकुश लगाने तथा ऐसे तत्वों को आपराधिक वारदातों में संलिप्त होने से रोकने व जन सुरक्षा के दृष्टिगत कठोर कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत आदेश जारी किए गए हैं।
इन आदेशों के अनुसार मंडी जिला में जिला अथवा राज्य से बाहर के श्रमिकों को कार्य पर रखने पर संबंधित निवेशक, ठेकेदार, व्यापारी, कृषक अथवा अन्य व्यक्तियों को ऐसे श्रमिकों के बारे में पूर्ण ब्यौरा उनके फोटोग्राफ सहित संबंधित थाना में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही मंडी जिला में कहीं भी अस्थायी आश्रय लेकर रहने वाले सभी रेहड़ी-फड़ी वालों और अनुबंध श्रमिकों (कॉन्ट्रैक्ट लेबर) को भी नजदीकी थाना में पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा।
आदेशों के अनुसार मंडी जिला में बाहर से आने वाले शॉल, कंबल विक्रेता, रेहड़ी-फड़ी वाले, गांवों में खेती के लिए व घरेलू मजदूर, टेंट हाउस, हलवाई इत्यादि की दुकानों पर कार्य करने के लिए कम अथवा लंबी अवधि के आधार पर श्रमिक व मजदूर आते हैं। ऐसे प्रवासी मजदूरों एवं श्रमिकों के पंजीकरण के उपरांत उनके मूल निवास स्थलों से सत्यापन करना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधित प्रवासी श्रमिकों या उन्हें रोजगार देने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू माने जाएंगे और जारी करने की तिथि से आगामी छह माह तक मान्य होंगे। हालांकि विभिन्न मेलों इत्यादि में आने वालों पर यह लागू नहीं होंगे।
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