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करेंसी मार्केट में मचा कोहराम, रूपया गिरा, शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट

करेंसी मार्केट में मचा कोहराम, रूपया गिरा, शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट

देश के शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 411.97 अंक टूटकर 80,334.81 अंक पर बंद हुआ. वैसे कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 759.17 अंकों की गिरावट के साथ दिन के लोअर लेवल 79,987.61 अकों के लोअर लेवल पर आ गया था. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुखसूचकांक निफ्टी 140.60 अंक गिरकर 24,273.80 अंक पर बंद हुआ. वैसे निफ्टी 264.2 अंकों की गिरावट के साथ दिन के लोअर 24,150.20 अंकों पर दिखाई दिया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने गुरुवार को शुद्ध आधार पर 2,007.96 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे.

वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में गिरावट की वजह से शेयर बाजार के निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है. वास्तव में शेयर बाजार निवेशकों का नुकसान बीएसई के मार्केट कैप से जुड़ा हुआ है. आंकड़ों को देखें तो बुधवार को बीएसई का मार्केट कैप 4,23,50,633.78 करोड़ रुपए था. जो गुरुवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद 4,18,50,596.04 करोड़ रुपए पर आ गया. इसका मतलब है कि शेयर बाजार निवेशकों को गुरुवार के दिन 5,00,037.74 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. ब्रॉडर मार्केट में बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.90 फीसदी और स्मॉलकैप में 1.05 फीसदी की गिरावट आई. बीएसई पर कुल 2,548 शेयर नुकसान के साथ बंद हुए जबकि 1,349 कंपनियों में तेजी रही और 135 कंपनियों के शेयर में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला.

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण गुरुवार को रुपया अमेरिकी करेंसी डॉलर के मुकाबले 81 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 85.58 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स ने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा ड्रोन और मिसाइल का उपयोग करके उत्तर और पश्चिमी भारत में कई सैन्य लक्ष्यों पर हमला करने के प्रयास के बाद निवेशकों ने घरेलू बाजारों में जोखिम से बचाव का सहारा लिया. हालांकि, इन हमलों को भारतीय रक्षा प्रणाली ने निष्प्रभावी कर दिया. इसके अलावा, भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने, सकारात्मक डॉलर सूचकांक और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी रुपए पर दबाव पड़ा.

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 84.61 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 84.52 के दिन के उच्चतम स्तर और 85.77 के निचले स्तर के बीच घूमता रहा. कारोबार के अंत में रुपया 85.58 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 81 पैसे की भारी गिरावट है. बुधवार को रुपया 42 पैसे की गिरावट के साथ 84.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. यह 22 सितंबर, 2022 के बाद से रुपये की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है. उस दिन यह 83 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ था. पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी शिविरों पर भारत के सैन्य हमलों के बाद बुधवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 42 पैसे गिरकर 84.77 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, एक शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर ने कहा है कि पीओके और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सैन्य हमलों के बाद अमेरिका स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रख रहा है.

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि हमारा अनुमान है कि डॉलर के मजबूत होने और भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा. अगर तनाव और बढ़ता है तो रुपये पर और दबाव पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि हालांकि, एफआईआई प्रवाह रुपए को निचले स्तर पर सहारा दे सकता है. कारोबारी अमेरिका से साप्ताहिक बेरोजगारी दावों के आंकड़ों से संकेत ले सकते हैं. डॉलर-रुपये का हाजिर मूल्य 85.20 से 86 के बीच कारोबार करने का अनुमान है.

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