फतेहपुर से पहुंची नवजात बच्ची शिशु गृह शिमला,पहुंचाया चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा व पुलिस ने मिलकर
फतेहपुर से पहुंची नवजात बच्ची शिशु गृह शिमला,पहुंचाया चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा व पुलिस ने मिलकर
चाइल्ड लाइन कर्मी डिंपल कटोच ब पुलिस कर्मी शबनम ने इस बच्ची को फतेहपुर से शिमला शिशु गृह तक सुरक्षित पहुंचाया
( शिमला ब्यूरो गायत्री गर्ग ) चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा को 1098 पर कॉल के माध्यम से एक सूचना मिली थी जिसमे थाना फतेहपुर से एक पुलिस कर्मी ने बताया गया कि उन्हे खेत मे एक लावारिस पड़ी नवजात बच्ची मिली है और उसका क्या करना है ? इस मामले मे चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा ने पुलिस कर्मी को सूचना दी कि काँगड़ा मे कोई भी शिशु गृह नही है इस बच्ची को शिमला स्थित टूटी कंडी भेजना पड़ेगा इसके लिए चाइल्ड हेल्पलाइन टीम हर समय तैयार है, और इस हेतु हम बाल कल्याण समिति और बाल संरक्षण अधिकारी काँगड़ा से भी बात करते है, उतनी देर तक आप इस बच्ची को चिकित्सीय जांच हेतु किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाए ।
चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा के जिला समन्वयक मनमोहन चौधरी ने बताया कि इसके बाद हमने जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष से सम्पर्क साधा उन्होंने कहा उनके सदस्य बच्ची से मिलने जा रहे है, इसके बाद हमने इस मामले की सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी काँगड़ा को दी और उनसे कहा कि जब भी आप इस बच्ची को छोड़ने हेतु शिमला शिशु गृह शिमला के लिए आदेश जारी करेंगे तो इस बच्ची की देखरेख एवं सुरक्षित छोड़ने हेतु हमारी महिला कर्मी की ड्यूटी लगा देना इस हेतु 4 अगस्त को समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन को जिला बाल संरक्षण इकाई की तरफ से इस बच्ची को छोड़ने हेतु लिखित आदेश प्राप्त हुए और चाइल्ड हेल्पलाइन सदस्य डिंपल के साथ पुलिस कर्मी शबनम ने सुबह बच्ची को फतेहपुर अस्पताल से एंबुलेंस के माध्यम से सुरक्षित शिशु गृह शिमला टूटी कंडी मे पहुंचाकर वहाँ कर्मचारियों के हवाले कर दिया, अब इस बच्ची का पालन पोषण और सारी देखभाल् यही पर होगी। चाइल्डलाइन कर्मी डिंपल ने बताया कि इस बच्ची का शिमला पहुंचने तक पूरे रास्ते में एक मां बनकर ख्याल रखा कभी समय समय पर दूध पिलाया कभी कपड़े बदले और यह बच्ची मेरी गोद मे अपने आप को पाकर पूरे रास्ते मे ऐसे महसूस कर रही थी जैसे उसको उसकी मां ने गोद मे लिया हो ।
चाइल्ड हेल्पलाइन काँगड़ा के जिला समन्वयक मनमोहन चौधरी ने बताया कि हमें जैसे ही 1098 के माध्यम से इस तरह का कोई मामला आता है तो हम हर सम्भव प्रयास करते है कि बच्चे को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। जिस तरह इस बच्ची को फतेहपुर के गाव रियाली के खेतोँ मे लाबारिश छोड़ दिया था उसके साथ कुछ भी अनहोनी घटना हो सकती थी, अगर कहीं भी किसी को ऐसे कोई लावारिश बेघर् बेसहारा बच्चा अगर कहीं नजर आता है तो तुरंत बिना देरी के चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सम्पर्क करें आपकी एक कॉल से किसी बच्चे की ज़िंदगी संवर सकती है । चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक ने बताया कि ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि कैसे एक मां ने अपनी ही बच्ची को ऐसे लावारिश् खेत मे फेंक दिया । अब दुनिया मे बेटियां हर क्षेत्र मे आगे है चाहे वो खेल का क्षेत्र हो या प्रशानिक सेवा हो या परीक्षाएं हो : आज लड़किया लड़को से हर मामले मे आगे है ।जब भी हमारा किसी विद्यालय मे जागरूकता कैंप हेतु जाना होता है तो बच्चों से यह बात अवश्य पूछते है कि बच्चों आपकी कक्षा मे परीक्षा मे प्रथम स्थान पर कौन रहा है तो हमें जवाब मिलता है कि हमारी कक्षा मे प्रथम स्थान एक लड़की ने हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश मे काफी सारी बेटियां आज स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं मे अब्बल् स्थान हासिल कर रही है, फिर भी इस तरह से बेटिओं के पैदा होने पर उन्हें लावारिश फेंक देना समाज को शर्मसार करने वाली घटना तो है ही, इसके साथ ही उन मां-बाप की विकृत सोच और अज्ञानता को भी दर्शाती है जो इस तरह के कृत्यों को अंजाम देते है। इससे पहले भी एक नवजात बच्ची को जिला काँगड़ा मे ही ऐसे झाड़ियों मे फेंका गया था और चाइल्डलाइन ने उस बच्ची को रेस्क्यू करके बाल गृह शिमला पहुंचाया था । इसके अलावा भी एक बच्ची को चाइल्ड हेल्पलाइन टीम कांगड़ा ने रेस्क्यू कर उसके माता पिता से राजस्थान के अजमेर मे जाकर मिलवाया था।
चाइल्ड लाइन काँगड़ा टीम आम जनमानस से यह आग्रह करती है कि अगर किसी को कोई बच्चा भीख मांगते, बाल मजदूरी, बाल विवाह, अनाथ बच्चा, अर्ध अनाथ बच्चा, लावारिस बच्चा नजर आता है तो तुरंत 1098 राष्ट्रीय चाइल्ड हेल्पलाइन सेवा पर इसकी सूचना दे सकते है इसके साथ ही सूचना देने वाले का नाम नंबर गुप्त रखा जायेगा ।
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