नग्गर के मुरलीधर मंदिर विवाद में नया मोड़: पुजारी ने खीर भंडारे की खबर को नकारा
नग्गर के मुरलीधर मंदिर विवाद में नया मोड़: पुजारी ने खीर भंडारे की खबर को नकारा
मनाली : ओम बौद्ध /
जिला कुल्लू के नग्गर के ऐतिहासिक मुरलीधर मंदिर ठावा की नई कमेटी के विवाद के बीच जहां एसडीएम द्वारा इस मामले की जांच की जा रही है. वहीं अब इस बीच यहां मंदिर में नई कमेटी के द्वारा खीर का भव्य भंडारा लगाने की खबरों को लेकर मंदिर के पुजारी जयदेव आचार्य ने अपना स्पष्टीकरण दिया है कहा कि मंदिर के संचालन के लिए बिना हरियानो की सहमति से बनी कमेटी के विरोध में जहां स्थानीय हरियानो ने कुल्लू उपायुक्त के माध्यम से एसडीएम को इस मामले में हस्तक्षेप कर नई कमेटी बनने का आग्रह किया गया है. इस मामले में 22 जुलाई को उप मंडलाधिकारी के द्वारा दोनों पार्टियों को जवाब के लिए बुलाया गया है. ऐसे में इस दौरान अवैध रूप से बनी कमेटी के सदस्यों के द्वारा मंदिर में आकर आपस में एक मीटिंग की गई. जिसके बाद यहां पुजारी को बुला कर उनके साथ तस्वीर भी ली गई. ऐसे में इस कमेटी के द्वारा समाचार पत्रों में मंदिर में बड़ी खीर करवाने को लेकर एक खबर लगाई गई थी. जिसमें लिखा गया था कि पुजारी जी की सहमति के बाद इसका आयोजन यहां इस नई कमेटी के द्वारा किया जा रहा है l
मंदिर के पुजारी जयदेव आर्चाय ने इस खबर को गलत करार दिया l उनका कहना है कि इस मामले की जांच उपमंडलाधिकारी( नागरिक ) द्वारा की जा रही है. ऐसे में 22 जुलाई को मंदिर कमेटी को लेकर फैसला किया जाएगा. ऐसे में वह पहले की तरह ही स्वयं मंदिर का कार्यभार संभाले हुए है. उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी भी कमेटी को मंदिर में खीर करवाने की अनुमति नहीं दी है l
उन्होंने बताया कि मंदिर में हर वर्ष संक्रांति के दिन खीर का आयोजन होता रहेगा l ऐसे में उनके द्वारा भी भगवान कृष्ण के लिए यह भोग श्रद्धालुओं के साथ मिल कर बनाया जाएगा. लेकिन कोई भी कमेटी इस दौरान मंदिर में सक्रिय नहीं है. पुजारी ने कहा कि ऐसे में कोई श्रद्धालु अगर कोई यहां भंडारे का आयोजन करना भी चाहते है तो वह मंदिर के कार्यक्रम के बाद सावन के महीने में किसी अन्य दिन यहां आयोजन कर सकते है.
उन्होंने बताया कि यह मंदिर काफी पुराना मंदिर है. ऐसे में इसके रखरखाव को देखते हुए इस मंदिर को पुरातत्व विभाग के अधीन करने को लेकर भी कई बार प्रस्ताव दिया गया. लेकिन अभी इस मामले को लेकर कोई भी सही विकल्प नहीं निकाला है. ऐसे ने उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया है कि इस प्राचीन मंदिर को बचाने के लिए इसे पुरातत्व विभाग के अधीन किया जाना चाहिए. पुजारी जयदेव आचार्य ने कहा कि किसी भी कमेटी को फिलहाल खीर भंडारा लगाने की अनुमति नहीं होगी
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