सामुदायिक प्रेरकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन,
सामुदायिक प्रेरकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन, संस्थागत विकास व फसल विविधिकरण पर विशेष बल
पालमपुर : केवल कृष्ण /
हिमाचल प्रदेश फसल विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना (HPCDP) फेज-II के अंतर्गत चयनित सामुदायिक प्रेरकों के लिए तीन दिवसीय क्षमता विकास प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 28 से 30 जुलाई 2025 तक चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV), पालमपुर में किया गया। इस प्रशिक्षण में BPMU पालमपुर, देहरा और धर्मशाला के अंतर्गत 18 उप-परियोजनाओं से आए 35 प्रेरकों ने भाग लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रेरकों को संस्थागत विकास, प्राकृतिक खेती, सिंचाई प्रबंधन और परियोजना निगरानी से जुड़ी बारीकियों से अवगत कराना था।
प्रशिक्षण के पहले दिन DPMU पालमपुर से डॉ. रजनीश शर्मा (SMS) ने HPCDP Phase-II की रूपरेखा, लक्ष्यों और सामुदायिक प्रेरकों की जिम्मेदारियों पर विस्तार से जानकारी दी। तत्पश्चात डॉ. लव भूषण, डॉ. जी.डी. शर्मा और डॉ. रविंद्र सिंह, वैज्ञानिक CSKHPKV द्वारा हिमाचल में फसल विविधिकरण की संभावनाओं, आवश्यकता और वैज्ञानिक पद्धतियों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। इस दिन प्रेरकों को राज्य में कृषि प्रणाली के बदलते स्वरूप और किसानों के लिए संभावित अवसरों पर भी मार्गदर्शन मिला।
दूसरे दिन परियोजना प्रबंधन परामर्शदाता (PMC) के विशेषज्ञ डॉ. आर.के. शर्मा एवं डॉ. पी.एल. शर्मा ने कृषक विकास संघ (KVA), स्वयं सहायता समूह (SHG), वस्तु आधारित समूह (CIG) जैसे संस्थागत ढांचों की संरचना, सशक्तिकरण और संचालन की प्रक्रिया पर गहन चर्चा की। साथ ही, सिंचाई प्रबंधन, विविध फसली उपकरण, डेटा संकलन तकनीक और निगरानी पत्रकों के उपयोग की जानकारी दी गई। इस दौरान प्रेरकों को प्राकृतिक खेती, विवाद समाधान और समुदाय संवाद कौशल जैसे व्यवहारिक विषयों पर भी प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
प्रतिभागियों को प्रायोगिक ज्ञान प्रदान करने हेतु CSKHPKV के एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन सेंटर (ATIC), कृषि संग्रहालय और विश्वविद्यालय के अनुसंधान खेतों का भ्रमण कराया गया। इस पूरी प्रशिक्षण श्रृंखला से प्रेरकों को न केवल परियोजना के तकनीकी पक्षों की गहन जानकारी प्राप्त हुई, बल्कि वे अपने-अपने उप-परियोजना क्षेत्रों में कृषकों के साथ बेहतर संवाद, मार्गदर्शन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भी सशक्त हुए हैं। यह प्रशिक्षण सामुदायिक स्तर पर परियोजना क्रियान्वयन को नई दिशा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल रहा।
*डॉ. योगेन्द्र पॉल कौशल, जिला परियोजना प्रबंधक पालमपुर* ने कहा कि यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित कम्युनिटी मोटिवेटर्स की क्षमता निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल रही। इस प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों को न केवल संस्थागत विकास की प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी गई, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर समुदायों के साथ प्रभावी संवाद स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल भी प्रदान किए गए। ये प्रशिक्षित मोटिवेटर्स अपने-अपने उप-परियोजना क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करने, समूह गठन, महिला सशक्तिकरण तथा आजीविका विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।


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