25 दिसम्बर को जंतर मंत्र पर अकेले करने पर बैठेंगे यदि पठानकोठ तक काँगड़ा रेल सेवा वाहल न हुई
25 दिसम्बर को जंतर मंत्र पर अकेले करने पर बैठेंगे यदि पठानकोठ तक काँगड़ा रेल सेवा वाहल न हुई
नूरपुर : विनय महाजन /
नूरपुर भारत जोड़ो एवं लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य पीसी विश्वकर्मा ने आयोजित नूरपुर क्षेत्र में एक वैठक मे आज कांगड़ा घाटी की जनता के दुख तकलीफ का संज्ञान लेते हुए केंद्र मे बीजेपी सरकार को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि जव से 2014 में यह मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से ही कांगड़ा घाटी की नैरो गेज पर चलने वाली ट्रेनें ठप्प पड़ गई तव से जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है हालत ऐसी है कि अभी तक धरातल पर कोई भी परिणाम इस मामले में जनहित में नजर नहीं आया सिर्फ लोकसभा में आश्वासन ही देते हुए दिखाई दिए रेल मंत्रीl उन्होंने रेलवे मंत्री से आग्रह किया कांगड़ा रेलवे घाटी का धरातल पर आकर खुद निरीक्षण करें कि इसकी वास्तविकता क्या है उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर भी आरोप लगाया की दिल्ली में अनेकों बार केंद्रीय में नेताओं से मिलने जाते हैं लेकिन क्या उन्होंने कांगड़ा रेल वैली के बारे में चिरकाल से चली आ रही समस्या के बारे में कोई बात केंद्रीय मंत्रियों से की? व्यवस्था परिवर्तन सरकार की नीतियों की आलोचना तो अवश्य करते हैं लेकिन कांगड़ा रेल वाली पर पूर्व मुख्यमंत्री चुप क्यों है? पीसी विश्वकर्मा ने कहा कि कांगड़ा की रेल व्यवस्था को लेकर उन्होंने 5 वार जंतर मंतर पर जाकर धरना प्रदर्शन किया l सर्वाधिक वोटो से प्रदेश मे कांगड़ा चम्बा लोकसभा सीट से चुने गए सांसद के वार वार बयान आ रहे हैं कि कांगड़ा घाटी को ब्रॉड गेज बनाओ पहले सांसद ट्रेनें पठानकोट तक तो चलाएं फिर ब्रॉड गेज भी बनती रहेगी।अमृत स्टेशन बनाने की कोशिश तभी सही होगी जब सभी ट्रेनें पठानकोट तक चलेंगी। उन्होंने बताया कि 200 मीटर क्षतिग्रस्त ट्रैक केंद्र रेलवे से चार साल में रिपेयर नहीं हुआ और 30 हजार करोड़ बजट से चलने वाली ब्रॉड गेज का ढोल पीटा जाता है धरातल पर कुछ भी नहीं हैl उन्होंने वताया कि कांगड़ा रेल ट्रैक विश्व धरोहर की वेटिंग लिस्ट में है जिसका स्टेटस फिलहाल नहीं बदला जा सकता।20 ट्रेनें चला दो यही सांसद की बहुत बड़ी उपलब्धि हो जाएगी। इस मामले मे पीसी विश्वकर्मा ने कहा वे फिर 25 दिसंबर को जंतर मंतर पर अकेले धरने पर बैठेंगे यदि ट्रेनें पठानकोट तक बहाल नहीं हुई l


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