एनएसएस विशेष शिविर के पाँचवें दिन खेलकूद व सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा कुकुमसेरी परिसर - Smachar

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एनएसएस विशेष शिविर के पाँचवें दिन खेलकूद व सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा कुकुमसेरी परिसर

 एनएसएस विशेष शिविर के पाँचवें दिन खेलकूद व सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा कुकुमसेरी परिसर


लाहौल-स्पीति : विजय ठाकुर /

राजकीय महाविद्यालय कुकुमसेरी में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस विशेष शिविर का पाँचवाँ दिन पहाड़ी ठंड और स्वच्छ वातावरण के बीच उत्साह, अनुशासन एवं भाईचारे की भावना के साथ संपन्न हुआ। प्रातःकाल कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस लक्ष्य गीत के सामूहिक गायन से की गई, जिससे पूरे परिसर में सेवा भाव और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।


इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अनिता कुमारी, प्रो. सुरिंदर कुमार एवं एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. सालिक राम ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि छात्र जीवन में अनुशासन, शिष्टाचार और संस्कार ही वह मजबूत नींव हैं जिन पर एक सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने स्वयंसेवकों से पहाड़ी संस्कृति की सरलता, सहयोग और सेवा भावना को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।


इसके पश्चात सभी स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से नाश्ता किया। आज का पूरा दिन खेलकूद गतिविधियों को समर्पित रहा। बर्फीली हवाओं के बावजूद स्वयंसेवकों ने पूरे जोश के साथ टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज एवं शॉट पुट जैसे खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।


इस मौके पर शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष प्रो. सुरिंदर कुमार ने खेलों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल युवाओं को शारीरिक रूप से सुदृढ़, मानसिक रूप से मजबूत और सामाजिक रूप से अनुशासित बनाते हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में खेल युवाओं को नशे एवं कुप्रवृत्तियों से दूर रखने का भी सशक्त माध्यम हैं।


खेलकूद कार्यक्रमों के उपरांत सभी स्वयंसेवकों के लिए दोपहर का भोजन परोसा गया।

भोजन के बाद सायंकालीन सत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेवकों ने लोकगीत, सामूहिक नृत्य के मनोरंजक प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचली संस्कृति की झलक प्रस्तुत की। इन प्रस्तुतियों ने ठंडे मौसम में भी पूरे परिसर को उत्साह और उल्लास से भर दिया।


कार्यक्रम में प्रो. मनोज कुमार, प्रो. माया देवी, श्री श्याम लाल (सीनियर असिस्टेंट), अजीत सहित सभी एनएसएस स्वयंसेवकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

एनएसएस शिविर का यह दिन सेवा, खेल, संस्कृति और अनुशासन के सुंदर संगम के रूप में यादगार बन गया।

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