रिज मैदान पर सुक्खू सरकार का अनशन मात्र 'ड्रामेबाजी', राहुल गांधी को खुश करने के लिए ग्रामीणों की आजीविका की बलि चढ़ा रही कांग्रेस: त्रिलोक कपूर - Smachar

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रिज मैदान पर सुक्खू सरकार का अनशन मात्र 'ड्रामेबाजी', राहुल गांधी को खुश करने के लिए ग्रामीणों की आजीविका की बलि चढ़ा रही कांग्रेस: त्रिलोक कपूर

रिज मैदान पर सुक्खू सरकार का अनशन मात्र 'ड्रामेबाजी', राहुल गांधी को खुश करने के लिए ग्रामीणों की आजीविका की बलि चढ़ा रही कांग्रेस: त्रिलोक कपूर


 "राम का नाम भी और काम के पूरे दाम भी" – VB-G RAM G योजना से साकार होगा 2047 के विकसित भारत का स्वप्न।

राम नाम और राम सेतु का विरोध करने वाली कांग्रेस का पतन निश्चित;

हिमाचल में दोहरा चरित्र उजागर।

कल तक हड़ताल रोकने की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री आज खुद अनशन पर, यह हास्यास्पद विरोधाभास।

धर्मशाला

 भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर ने आज रिज मैदान पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उनके मंत्रिमंडल द्वारा किए जा रहे अनशन को 'शुद्ध ड्रामेबाजी' करार दिया है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई 'विकसित भारत ग्रामीण रोजगार आजीविका मिशन' (VB-G RAM G) को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए 'संजीवनी' बताते हुए कहा कि यह मिशन "राम का नाम भी और काम के पूरे दाम भी" के संकल्प को सिद्ध करेगा, जो कांग्रेस को हजम नहीं हो रहा है।


कपूर ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों ने इस योजना के प्रावधानों को पढ़ने तक का कष्ट नहीं किया है। वे केवल दिल्ली में बैठे अपने आका राहुल गांधी को खुश करने के लिए इस जनहितैषी योजना का विरोध कर रहे हैं। 

उन्होंने इतिहास का हवाला देते हुए कहा, "कांग्रेस का रिकॉर्ड रहा है कि जब-जब उसने भगवान राम, राम सेतु या राम के नाम का विरोध किया है, उसका ग्राफ रसातल में गया है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार भी उसी आत्मघाती और सनातन विरोधी मार्ग पर चल पड़ी है।"


भाजपा वरिष्ठ प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के विरोधाभासी व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार का दोहरा चरित्र है। जो मुख्यमंत्री कल तक प्रदेश में डॉक्टर व एम्बुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल रोकने की दुहाई दे रहे थे, आज वही अपने पूरे कुनबे के साथ रिज मैदान पर अनशन का नाटक कर रहे हैं। सत्ता में बैठकर जनता की सेवा करने के बजाय अनशन करना यह दर्शाता है कि सरकार के पास न तो कोई नीति है और न ही विकास की नीयत।


 कपूर ने योजना की खूबियां गिनाते हुए कहा कि जहाँ मोदी सरकार 100 के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी और सम्मानजनक मजदूरी दे रही है, वहीं सुक्खू सरकार केवल 'राम' के नाम से द्वेष के कारण इस योजना को रोकने का षड्यंत्र रच रही है। यह सीधे तौर पर गरीबों और मजदूरों के पेट पर लात मारने जैसा है। 


लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार देखा जा रहा है कि कोई सरकार केवल इसलिए योजना का विरोध कर रही है क्योंकि उसमें 'राम' का नाम जुड़ा है और वह ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बना रही है।


त्रिलोक कपूर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को नसीहत देते हुए कहा कि वे अपना राजनीतिक ' अहम' त्यागें और इस दूरदर्शी योजना को धरातल पर उतारने के लिए तत्काल प्रशासनिक उपाय करें। 


उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस सरकार ने अपनी संकीर्ण मानसिकता नहीं बदली, तो हिमाचल की जनता इस अपमान का कड़ा जवाब देगी। 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य में हिमाचल की भागीदारी को कांग्रेस की तुच्छ राजनीति की भेंट नहीं चढ़ने दिया जाएगा।

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