करोली पंचायत की 10 एकड़ जमीन से 150 से अधिक पेड़ काट कर बेच दिए,विभाग बेखबर
करोली पंचायत की 10 एकड़ जमीन से 150 से अधिक पेड़ काट कर बेच दिए,विभाग बेखबर
गांव निवासी हरबंस सिंह डीसी को करेंगे शिकायत
पठानकोट : नरेंद्र निंदी /
अर्ध पहाड़ी धार ब्लाक के गांव करोली में ग्राम पंचायत की जमीन से जीवित हरेभरे पेड़ों का भारी मात्रा में कटान होने का मामला सामने आया है। गांव निवासी हरबंस सिंह अनुसार ग्राम पंचायत करोली उपरली की करीब 165 कनाल यानी 20 एकड़ जमीन है। गत दिवस गांव के एक पंचायत सदस्य ने अपने साथियों के साथ मिल कर विभाग की प्रमीशन बिना पंचायत की लगभग 10 एकड़ जमीन में से 150 से अधिक पेड़ काट कर बेच दिए हैं। उन्होंने आराप लगाया कि बीते वर्षों से पंचायत जमीन से हो रहे अवैध कटान की शिकायत वह बीते दो साल पहले बीडीपीओ धार कलां को कर चुके हैं। परन्तु अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाई नही हुई है। गत दिवस भी जैसे ही पंचायत जमीन से कटान शुरू हुआ गांव के एक पंचायत सदस्य की मौजूदगी में गांव के सरपंच अमन वर्मा को जानकारी दी गई थी, बावजूद इसके पेड़ों का कटान करने वाले निडर व्यक्ति कटे पेड़ों खैर,आमला,बेहड़ा,सरींह,बिल,करेंबल,गीन आदि से भरी दर्जनों ट्रालियां बेच गए हैं। हरबंस सिंह ने बताया कि इसी शिकायत शीघ्र ही अब डिप्टी कमिश्नर पठानकोट से करेंगे।
इस संबंधी जब ग्राम पंचायत करोली के सरपंच अमन वर्मा से उक्त मामले संबंधी बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त मामले की कोई जानकारी नही है,न ही उनके पास एसी कोई शिकायत आई है। बावजूद इसके वह मौका देख कर बनती कार्यवाई करेंगे।
बता दें कि गत वर्षों पहले भी उक्त पंचायत की जमीन से पेड़ों का भारी कटान हुआ था। जब मौके की पंचायत ने कड़ा संज्ञान लेते हुए न केवल कटान करने वालों को खदेड़ दिया था बल्कि कटे पेड़ों के भारी डंप को पंचायत कब्जे में ले लिया था। यहां तक कि कटान वाली जमीन को अपनी जमीन बताने वालों (पंचायत जमीन के साथ लगती जमीन के मालकों) को निर्देश भी दिए गए थे कि यदि उनकी जमीन है तो वह निशानदेही करवाकर अपना पक्कदा दावा पेश करें। परन्तु करीब दस वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो पंचायत जमीन के साथ लगते जमीन मालिक निशानदेही करवा पाए हैं,न ही पंचायत द्वारा निशानदेही के मते पर कोई ठोस असर दिख पाया है। नतीजन आए दिन ग्रामीण समझनही पा रहे कि जमीन पंचायत की है या फिर कटान करवाने वालों की।
इधर, जब वन विभाग के रेंजर वरिन्द्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने उक्त कटान को लेकर कोई जानकारी न होना बताया। उन्होंने कहा कि यदि पंचायत की जमीन है तो उसकी कार्यवाई बीडीपीओ के हवाले से होगी। यहां तक खुद की मालकी की बात है,गांव करोली में कटान की कोई प्रमीशन वन विभाग की ओर से किसी को नही दी गई है।
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