जिला लाहौल स्पीति के शकोली स्कूल में अध्यापकों और स्कूली बच्चों का बिना वर्दी स्कूल में प्रवेश पर रोक
जिला लाहौल स्पीति के शकोली स्कूल में अध्यापकों और स्कूली बच्चों का बिना वर्दी स्कूल में प्रवेश पर रोक
लाहौल-स्पीति : ओम बौद्ध /
जनजातीय लाहौल घाटी में एक स्कूल ऐसा भी है जहां बिना वर्दी के स्कूल के स्टाफ और बच्चों को स्कूल में आना मना है । स्कूल का अनुशासन ऐसा है कि इस स्कूल में सुबह 9.00 बजे आना पड़ता है और शाम को 6.00 बजे छुट्टी होती है। साथ ही इस स्कूल में परेड देखकर हर कोई हैरान रह जाता है । लाहौल घाटी के पटृन इलाके में स्थित शकोली राजकीय उच्च विद्यालय में सुबह परेड लेजियम के साथ करते हैं ।जो भारत के तामिलनाडु राज्य का एक पारम्परिक सामूहिक नृत्य है । और यह सामूहिक नृत्य है । और इस में संगीत लयबद्ध गति और मार्शल आर्ट के स्वर भी शामिल है । स्थानीय लोगों की मानें तो लाहौल घाटी के सरकारी स्कूल में पहली बार सुबह के परेड देखने में को मिल रहा है । बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि हमें खुशी है कि हमारे बच्चे ऐसे स्कूल में पढ़ते है। जहां स्कूल में अध्यापक , बच्चों को एक दोस्त की तरह पढ़ाते हैं और समझाते हैं । इस स्कूल में 77 छात्र छात्राएं है । इस स्कूल की पढ़ाई और अध्यापकों की अनुशासन देखकर दूसरे स्कूल के बच्चे इस स्कूल में दाखिला लेने के लिए उतावले हो रहे हैं। लेकिन इस स्कूल की तारीफ लाहौल स्पीति के हर कोई व्यक्ति करता है । लाहौल स्पीति के लोगों का कहना है कि हर स्कूल में इस तरह की सुबह परेड होनी चाहिए । इस स्कूल का हर साल 95% परिक्षा परिणाम आता है । जहां लाहौल में ही तीन बच्चों पर चार अध्यापक होते है वहीं इस स्कूल का 99% परीक्षा परिणाम हर किसी को हैरान कर देता है l वहीं लाहौल स्पीति के उपायुक्त ने भी ऐसे स्कूल को तारीफ की । साथ में एसडीएम उदयपुर अलिशा चौहान ने कहा कि हर स्कूल में इस तरह के वर्दी व सुबह के परेड होनी चाहिए। और अनुशासन बना रहे l
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