जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बन्दाहू स्थित शांतल मंदिर में आयोजित श्री देवी भागवत महापुराण कथा का आयोजन - Smachar

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जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बन्दाहू स्थित शांतल मंदिर में आयोजित श्री देवी भागवत महापुराण कथा का आयोजन

 जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बन्दाहू स्थित शांतल मंदिर में आयोजित श्री देवी भागवत महापुराण कथा का आयोजन


 पालमपुर : केवल कृष्ण /

जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बन्दाहू स्थित शांतल मंदिर में आयोजित श्री देवी भागवत महापुराण कथा एवं यज्ञ पूर्णाहुति के धार्मिक समापन कार्यक्रम का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ किया गया। इस दिव्य कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता विपिन सिंह परमार जी ने विशेष रूप से भाग लिया।

यह आयोजन आदरणीय महन्त श्री कृष्णापूरी जी महाराज के मार्गदर्शन में कई दिनों से चल रहा था, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए एकत्रित होते रहे। कथा वाचक द्वारा श्री देवी भागवत महापुराण की दिव्य कथाएं प्रस्तुत की गईं, जिसमें देवी शक्ति की महिमा, धर्म का महत्व और जीवन में संस्कारों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

समापन अवसर पर यज्ञ की पूर्णाहुति विधिवत संपन्न हुई, जिसमें पवित्र वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन कुंड में आहुति दी गई। इस अवसर पर पूरे क्षेत्र में भक्ति, शांति और समरसता का वातावरण बना रहा।

कार्यक्रम में जयसिंहपुर के पूर्व विधायक रवीन्द्र धीमान एवं बीडीसी चेयरमैन कुलवंत सिंह राणा, जयसिंहपुर भाजपा मण्डल अध्यक्ष देवेंद्र राणा हनुमंत प्रसाद ,रामरत्न शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ही सम्मानित अतिथियों ने धर्म, समाज और संस्कृति को एक सूत्र में पिरोने वाले ऐसे आयोजनों की महत्ता पर प्रकाश डाला।

 परमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे ऋषियों और मुनियों ने भारत की सनातन परंपरा में कथा, यज्ञ और सत्संग को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया है। ऐसे आयोजनों से समाज को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और आने वाली पीढ़ियों में संस्कारों का संचार होता है। उन्होंने महंत श्री कृष्णापूरी जी महाराज द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और ग्रामवासियों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

उन्होंने कहा, “श्री देवी भागवत जैसी दिव्य कथाएं केवल धार्मिक आयोजन नहीं होतीं, ये आत्मिक उत्थान का माध्यम होती हैं। यह आयोजन हम सबके लिए एक आध्यात्मिक पुनर्जागरण है।”

इस मौके पर रवीन्द्र धीमान ने कहा कि ऐसी धार्मिक परंपराएं गांवों में सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना को जीवित रखती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि श्री देवी भागवत कथा जैसे आयोजनों से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि गांव में सामूहिक सहभागिता और भाईचारे की भावना भी प्रबल होती है।

 कुलवंत सिंह राणा ने भी आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह स्थल आने वाले समय में धार्मिक पर्यटन के रूप में उभर सकता है, जिससे न केवल आध्यात्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी क्षेत्र को लाभ मिल सकता है।

इस कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य व्यक्तियों, पंचायती राज प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, युवाओं एवं महिला मंडलों ने भाग लिया। स्थानीय ग्रामीणों ने पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई।

कार्यक्रम के अंत में महंत श्री कृष्णापूरी जी महाराज ने सभी आगंतुकों, भक्तों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि धर्म की भावना से किया गया प्रत्येक कार्य सफल होता है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी इस तरह के आयोजनों का सिलसिला जारी रहेगा जिससे समाज में आध्यात्मिक चेतना बनी रहे।इस मौके पर देवेंद्र राणा ने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह गांव की एकता, परंपरा और संस्कृति का जीवंत उदाहरण भी बना। इस कार्यक्रम ने यह सिद्ध कर दिया कि जब गांव के सभी वर्ग, युवा, वृद्ध, महिला व पुरुष एक साथ आकर किसी कार्य को करते हैं, तो वह आयोजन एक मिसाल बन जाता है।श्रद्धालुओं ने देवी भागवत कथा का श्रवण करते हुए उसमें वर्णित जीवन मूल्यों और नैतिकता के संदेश को आत्मसात किया। कथा में देवी की महिमा, भक्त प्रह्लाद की भक्ति, राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा, माँ दुर्गा के अवतारों का वर्णन और कलियुग में धर्म की स्थिति जैसे प्रसंग अत्यंत प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किए गए।कई श्रद्धालु जनों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस आयोजन से उन्हें आत्मिक शांति की अनुभूति हुई और उन्होंने अपने जीवन को और अधिक सकारात्मक दिशा देने का संकल्प लिया।

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