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पटा - जाटियां में धनंवनतरी योजना के तहत औषधीय पौधों की

 पटा - जाटियां में धनंवनतरी योजना के तहत औषधीय पौधों की खेती कर पंचायत के दस किसानों के कदम स्वावलंबन की ओर बढ़े

भरमाड़ : राजेश कतनौरिया /


  विकास खंड फतेहपुर की ग्राम पंचायत पटा - जाटियां मैं धनंवनतरी योजना के तहत औषधीय पौधों की खेती कर पंचायत के दस किसानों के कदम स्वावलंबन की ओर बढ़ने लगे हैं ! बता दें कि संवय सहायता समूह राधे कृष्ण व संवय सहायता समूह विजय लक्ष्मी ग्राम पंचायत पटा जाटियां के वार्ड न० 3 के महिलाओं रमना देवी , सुधा रानी , सीमा देवी , मीना कुमारी , रजनी देवी , रितु कुमारी , पिंकी देवी , रीता देवी , कमला शर्मा व आशा देवी ने बताया कि पहले हम अपनी सभी भूमि में गेहूं और मक्की की खेती करते थे ! लेकिन पिछले बर्ष डा० सुनील कुमार जिला नोडल अधिकारी और डा० रोहित कुमार ने हमें बताया कि आप औषधि खेती करो !तो हम महिलाओं ने दोनों डाक्टरों की सलाह पर पिछले बर्ष हमारे दोनों समूहों की महिलाओं जिसमें दस महिलाओं ने तुलसी के पौधे लगाने कि योजना बनाई ! जिसमें दस की सहमति हो गई और पौधे लगाने को तैयार हो गये ! दस महिलाओं ने अपने समूह के साथियों ने 90 कनाल भूमि में तुलसी के पौधे मनरेगा के तहत खेतों में लगा दिये गये ! स्वयं सहायता समूह राधे कृष्ण कि प्रधान सुधा रानी ने बताया कि तुलसी के पौधे की फसल छ माह के लिए होती हैं ! इसमें दो या तीन वार कटाई कि जा सकती है और दो वार की कटाई के बाद अर्क और आयल ले सकते हैं ! उन्होंने बताया कि हमने 90कनाल भुमि हर किसान ने 120 लीटर के हिसाब से अर्क निकाला है जिसकी कीमत प्रति लीटर 250 रूपये है ! और सभी किसानों ने साढ़े छ लीटर तुलसी का आयल निकाला है जिसका मूल्य सात हजार रूपये प्रति लीटर मूल्य है ! तुलसी के पतियों को सुखा करके 250 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है ! जिससे महिलाएं औषधि खेती से अच्छा खासा पैसा कमा रही है ! तुलसी के पौधो साबुन तीन पीस 120रूपे , तुलसी अगरवत्ती 12 पीस 20 रुपये , तुलसी माला का एक पीस 300 रूपये , तुलसी हर्बल टी 100 ग्राम 80 रूपये के हिसाब से वनाकर बेच रही है ! जव हमने काम शुरू किया था तव थोड़ी दिक्कतें आई थी ! लेकिन तुलसी उत्पादों कि बिक्री के बाद सकारात्मक परिणाम आने लगे है ! लेकिन अब हमारे लिए यह काम वहुत आसान हो गया है !इस बार तुलसी के पौधे लगाने के लिए और भी किसान तैयार है ! इस बार हम कैमो आयल औषधि कि भी 90कनाल भूमी मैं कैमो आयल के पौधे लगाए हैं जिसमें एक माह के बाद फूल आने शुरु हो जाते हैं और चार महीने तक पौधा चलता है जिसकी आजकल हम कैमो आयल के फूलों की तुड़वाई कर रहे हैं ! और इनके फूल एक हजार रूपये किलो के हिसाब से बिक रहे हैं और इसके तेल की कीमत हजारों रूपयों में प्रति लीटर के हिसाब बताई जा रही है ! प्रधान सुधा रानी ने बताया कि प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग की और से संवय सहायता समूहों को प्रदेश में होने वाले सारस मेले में स्टाल की सुविधा करवाई जाती है ताकि उनकी ओर से किए गए उत्पादों को अपने प्रदेश में पहचान वन सके ! जव इस बारे राधे कृष्ण संवय से सहायता समूह की सचिव रमना देवी से जानना चाहा तो उसने बताया कि इस औषधि खेती को करके हमारी दस महिलाएं अच्छे खासे पैसे कमा रही है ! अव और भी महिलाएं इस औषधि खेती को करने प्रोत्साहित हो रही हैं ! हम जल्द ही ऋण लेकर तेल निकालने का पंलांट भी लगायेंगे ताकि महिलाओं को औषधि लेकर दूर दराज ना जाना पड़ें !

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