बबेली में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता शिविर
बबेली में नशा मुक्त भारत अभियान के तहत जागरूकता शिविर
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कुल्लू जिला के बबेली में रिवर राफ्टिंग ऐसोसिएशन के सदस्यों के लिए जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकार प्रशान्त सरकेक कहा कि नशा एक ऐसी बीमारी है जो न केवल नशा करने वाले ब्यक्ति के जीवन को नष्ट कर देती है बल्कि व्यक्ति परिवार के साथ -साथ समाज पर भी बुरा प्रभाव डालती है। उन्होंने विशेषकर युवाओं में दिन प्रतिदिन बढ़ रही नशीले पदार्थों के सेवन की आदत पर चिंता ब्यक्त की।उन्होंने कहा की इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करने होंगे तभी हम एक नशा मुक्त स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिले मे भी केमिकल नशे के सेवन के मामले सामने आ रहे हैं जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कुल्लू जिले में नशे की बुराई से निपटने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है।
डॉ सत्यव्रत वैद्य ने कहा कि नशा एक बीमारी है जिसका अन्य बीमारियों की तरह उपचार सम्भव है।उन्होंने कहा कि नशे की आदत से पीड़ित कोई भी ब्यक्ति उपचार से पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि भुंतर स्थित नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र में नशे की आदत से ग्रसित पुरुषों तथा महिलाओं के ईलाज की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का एकमात्र ऐसा केंद्र है जहां नशे की आदत से पीड़ित महिलाओं के दाखिल कर ईलाज किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि यहां दाखिल पुरुष तथा महिलाओं को निशुल्क दवाई व ईलाज की सुविधा उपलब्ध है।और कोई भी ब्यक्ति संस्थान के दुरभाष नम्बर 265265 पर जानकारी हासिल कर सकते हैं।उन्होंने कहा की यहां ईलाज करवाने वालो की सारी जानकारी गुप्त रखी जाती है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आशीष शर्मा इस अवसर विभिन्न कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।
रिवर राफ्टिंग एसोसिएशन के उपा अध्यक्ष शिव चंद ने कार्यशाला आयोजित करने के लिए आभार ब्यक्त किया।
जिला कल्याण अधिकारी समीर ने मुख्य अतिथि तथा कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा बताया कि विभाग द्वारा लोगों को नशे की बुराई के खिलाफ जागरूक करने के लिए इस तरह के जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ताकि एक नशा मुक्त समाज का निर्माण किया जा सके।
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