गुजरात में जी-20 के स्वास्थ्य मंत्रियों की हुई बैठक,प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली के माध्यम से किया संबोधित
गुजरात में जी-20 के स्वास्थ्य मंत्रियों की हुई बैठक,प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली के माध्यम से किया संबोधित
गुजरात में जी-20 के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक हुई. इस आयोजन में कई इवेन्ट्स भी आयोजित किए गए, जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ये दावा कर रहा है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत में आयोजित ये आज तक के सबसे बड़े टेस्ट रहे हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली जी-20 के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया. पीएम ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि पूरे विश्व को भविष्य में आने वाली महामारी से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. खास बात ये रही कि जी-20 के साथ-साथ श्रीअन्न के प्रसार प्रचार के लिए मेनू में शामिल किया गया, जिसका जी-20 के सभी डेलिगेट्स ने खूब स्वागत किया. आलम ये कि अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री ने पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में मेडिकल और फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में भारत अब ग्लोबल लीडर बनने जा रहा है।
सम्मेलन में G20 के बीस सदस्य देशों के 12 स्वास्थ्य मंत्री और 3 डिप्टी मिनिस्टर शामिल हुए. इसके अलावे 10 अतिरिक्त देशों से स्वास्थ्य मंत्रियों को विशेष न्यौते गए, जिनमें सात स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया. लगभग बीस अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में शामिल हुए. भारत के सात राज्यों के पैवेलियन इस कार्यक्रम से जुड़े. कुल मिला कर 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि इस कार्यक्रम का हिस्सा बने. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक की सफलता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि देश के अलग-अलग अस्पतालों ने 265 करारों पर हस्ताक्षर किए और देश दुनिया के 300 से ज्यादा स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों के उत्पादकों ने हिस्सा लिया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डीजी टेड्रॉस ने हेल्थ और वेलनेस सेंटर का दौरा किया और कहा कि भारत ने जैसा प्राथमिक उपचार पर काम किया है वह दुनिया भर के लिए प्रेरणा है. अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ़ हेल्थ ने कहा कि जी20 में सभी देशों को एक साथ ले कर चलने के प्रयास ही भारत की सफलता को दर्शाते हैं. नीदरलेंड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में हो रहे ड्रग डेवलपमेंट, वेक्सिन, इनोवेशन इन हेल्थकेयर और डिजिटलाइजेशन से वह काफी प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने भारत की लीडरशिप को इम्प्रेसिव बताया और कहा कि इस मीटिंग से विश्व के नागरिकों को और हेल्थकेयर प्रोफेशनल को फायदा होगा. जर्मनी के हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि वह भारत की बनी हुई जेनेरिक मेडिसिन को प्राथमिकता देंगे. भारत द्वारा प्रस्तावित विश्व स्वास्थ्य संगठन के तहत शुरू किए जाने वाल डिजिटल हेल्थकेयर के नए इनिशिएटिव जीआईडीएच को इस सम्मेलन के दौरान लॉन्च किया गया. अमेरिका सहित सभी जी20 सदस्य देशों ने भारत को इस शुरुआत के लिए बधाई दी, और इसे फॉरवर्ड लुकिंग कदम बताया।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बताया कि G20 के हेल्थ मिनिस्टर्स मीटिंग में हेल्थ ट्रेक के लिए तीन प्राथमिकताएं तय की गईं और इन पर जम कर मंथन भी हुआ. ये थे वो चर्चा के मुख्य बिंदू- पहला इमरजेंसी पेंडेमिक प्रीप्रेयर्डनेस रिस्पॉन्स, दूसरा वैक्सिन, थेरापयुटिकस, डायग्नोसिस क्षेत्र में सहयोग बढ़ा कर सुरक्षित, असरदार, क्वालिटी और अफोर्डेबल इलाज सबको उपलब्ध कराने का प्रयास करना और तीसरा युनिवर्सल हेल्थ कवरेज और स्वास्थ्य सेवाओं की डिलीवरी को सुधारने के लिए डिजिटल हेल्थ इनोवेशन. जी-20 की तीनों हेल्थ प्रायोरिटी पर आधारित आउटकम डॉक्युमेंट और चेयर समरी को विस्तृत चर्चा के बाद सभी देशों ने सर्वसम्मति से स्वीकृत किया, जिससे साबित होता है कि जी20-स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन खासा सफल रहा।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ये कहने से पीछे नहीं रहे कि भारत आज ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ है और आने वाले समय में भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अग्रणी बन कर ‘हॉस्पीटल ऑन अर्थ’ बनेगा. भारत अब जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन अब पीएम मोदी की सरकार ने भारत में हाई वेल्यु मेडिसिन, नेक्स्ट जेनेरेशन ट्रीटमेंट पर पूरी ताकत झोंक दी है. मोदी सरकार का ये प्रयास आने वाले समय में असाध्य बीमारियों के इलाज पर होने वाले खर्च को दूर करेगा. कोरोना के खिलाफ जंग से लेकर जी-20 की अध्यक्षता में पीएम मोदी ने दुनिया का भरोसा जीता है. अब भारत एक नई उम्मीद का केन्द्र बिंदु बना है. शायद इसलिए ही दुनिया भर के देश स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को पार्टनर बनाने के लिए इच्छुक हैं।
दुनियाभर से आए प्रतिनिधियों ने गुजरात की संस्कृति और धरोहर का दर्शन किया. गुजरात की दवा उत्पादक कंपनियों, अस्पतालों, हेल्थ सेंटरों तक ये पहुंचे. जाहिर है, भारत के इस सॉफ्ट पावर से ये सभी रूबरू हुए. जी-20 की बैठकों का ये सन्देश विश्व कल्याण में भारत के बढ़ते योगदान का एक नया अध्याय लिखेगा।
कोई टिप्पणी नहीं