फॉल आर्मी वर्म के तेज़ प्रकोप को लेकर कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न - Smachar

Header Ads

Breaking News

फॉल आर्मी वर्म के तेज़ प्रकोप को लेकर कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न

फॉल आर्मी वर्म के तेज़ प्रकोप को लेकर कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न




दिनांक 22 जुलाई 2025 को माननीय कृषि मंत्री की अध्यक्षता में मक्का फसल पर बढ़ते फॉल आर्मी वर्म (FAW) प्रकोप की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में नॉर्थ ज़ोन के अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ. राहुल कटोच, चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV), पालमपुर के कुलपति डॉ. नवीन कुमार, उप कृषि निदेशक डॉ कुलदीप धीमान उपस्थित रहे। बैठक में डॉ. राहुल कटोच द्वारा अवगत कराया गया कि नॉर्थ ज़ोन, विशेषकर कांगड़ा जिला के कई क्षेत्रों में फॉल आर्मी वर्म का तीव्र और व्यापक प्रकोप देखा गया है। स्थिति चुनौतीपूर्ण होते हुए भी विभाग द्वारा समय रहते प्रभावी कदम उठाए गए हैं, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण संभव हुआ है।

बैठक में माननीय कृषि मंत्री द्वारा सुझाव दिया गया कि प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों पर आधारित रोकथाम के उपायों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि कीट नियंत्रण में कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो सके। वहीं विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि सघन और नियमित निगरानी ही संक्रमण की समय रहते पहचान और नियंत्रण की कुंजी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में विकास खण्ड स्तर के कृषि अधिकारियों की फील्ड टीमें गांव स्तर पर सक्रिय निगरानी कर रही हैं। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग की राज्य जैव नियंत्रण प्रयोगशाला, पालमपुर  के अधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिकों की एक जिला स्तरीय टीम बनाई गई है जो कि अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में नियमित सर्वेक्षण और निगरानी कर रहे हैं।

कृषि मंत्री प्रोफेसर चन्द्र कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे फसलों की नियमित निगरानी करें, और किसी भी कीट प्रकोप की सूचना तुरंत स्थानीय कृषि अधिकारियों को दें। विभाग की टीमें युद्धस्तर पर कीट नियंत्रण के कार्य में जुटी हैं।प्रकोप की गंभीरता को देखते हुए विभाग में अनुशंसित रसायन 'कोरेजन' (Coragen) पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिसे किसान ब्लॉक स्तर कृषि विभाग के कार्यलय से पर सब्सिडी दरों पर प्राप्त कर सकते हैं।

कृषि मंत्री ने कृषि अधिकारियों को आदेश दिए कि दूसरे राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों से भी इस कीट के नियंरण के लिए सम्पर्क किया जाए और उनसे भी यह चर्चा की जाये की उनके राज्य में इस कीट के नियंत्रण के लिय क्या प्रयास किये जा रहे है ताकि उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी हिमाचल में अमल में लाया जाये और इस कीट का सफल नियंत्रण किया जाए I उन्होंने इस कीट के प्रकोप के  साप्ताहिक आधार पर निगरानी रिपोर्ट मांगी है   

  इस बैठक  में जाईका परियोजना से जिला प्रबंधक डॉ योगिंदर कोशल, आत्मा परियोजना से डॉ नंदिनी के अतिरिक्त राज्य स्तरीय जैव नियंत्रण प्रयोगशाला के प्रभारी अधिकारी, विकास खंड स्तर के अन्य कृषि अधिकारी भी उपस्थित रहे, चोधरी सरवन कुमार कृषि विश्व विद्यालय के वैज्ञानिकों में प्रसार शिक्षा निदेशक  विनोद शर्मा, कीट विज्ञान विभाग से डॉ ए के सूद,   सुमन,  डॉ दीप डॉ सुरजीत के अतिरिक्त अन्य वैज्ञानिक  उपस्थित रहे I

कोई टिप्पणी नहीं