हिमाचल के बेरोजगार युवाओं पर सुक्खू सरकार का एक और कुठाराघात।
हिमाचल के बेरोजगार युवाओं पर सुक्खू सरकार का एक और कुठाराघात। नौकरियां ना देने के बहाने के लिए किया भर्ती नियमों में बदलाव - मेलाराम शर्मा।
सिरमौर जिला भाजपा प्रवक्ता मेलाराम शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर बेरोजगार युवाओं के लिए भर्ती नियमों में अनैतिक बदलाव कर उनके भविष्य के साथ घिनौना खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शुरू के 2 वर्षों तक सरकारी नौकरी प्रशिक्षण आधार पर करने और उसके बाद पुनः परीक्षा देकर नियमित करने के संशोधित नियमों को बेरोजगार युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है। उन्होंने कहा कि इन संशोधित नियमों से सरकार की मंशा साफ हो गई है कि अपनी प्रतिभा और उच्च शिक्षा के आधार पर नोकरी प्राप्त करने वाले युवाओं को पहले 2 वर्ष के दौरान ही बाहर का रास्ता दिखाने की तलवार लटका रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सत्ता में आने के लिए इस सरकार ने प्रतिवर्ष 1 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था परंतु 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के दौरान अभी तक रोजगार के नाम पर प्रदेश के युवाओं को ठेंगा दिखाया है और अब बेतुके नियम लागू करके अपनी प्रतिभा के दम पर नौकरी प्राप्त करने वाले युवाओं को दो बर्षो के प्रशिक्षण कल के दौरान नौकरी से हटाने का रास्ता तैयार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन नियमों के अनुसार यदि कोई युवा अपनी योग्यता और प्रतिभा के बलबूते सरकारी नौकरी प्राप्त करता है तो उसे दो वर्षों तक सरकारी नियमों के कोई लाभ नहीं मिलेंगे और ना ही वेतन वृद्धि होगी । इससे बेरोजगार युवाओं का सरकारी नौकरियों के प्रति न केवल मोह भंग होगा अपितु उनके भविष्य की चिंता और बढ़ गई है। मेलाराम शर्मा ने कहा कि सरकारी भर्ती नियमों में पहले ही दो वर्षों के लिए प्रोफेशनल पीरियड का प्रावधान है परंतु सुक्खू सरकार के इस बेतुके संशोधन के फरमान से अब 2 वर्षों तक प्रशिक्षण आधार पर नौकरी करने वाले कर्मियों पर नौकरी से बाहर करने की तलवार लटक गई है और ना ही 2 वर्षों के कार्यकाल के दौरान उन्हें कोई सरकारी सेवा के लाभ मिलेंगे। उन्होंने सरकार से इस तुगलकी फरमान को तुरंत वापस लेने की अपील की है वरना प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवक युवतियों के भारी रोष के कारण इस सरकार को भर्ती नियमों में किए गए बेतुके संशोधन के गंभीर परिणाम भगतने पड़ेंगे।
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