मंडी जिला में कहीं लैंडस्लाईड तो कहीं पहुंचा वाहनों को नुकसान हई विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी ठप्प - Smachar

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मंडी जिला में कहीं लैंडस्लाईड तो कहीं पहुंचा वाहनों को नुकसान हई विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी ठप्प

मंडी जिला में कहीं लैंडस्लाईड तो कहीं पहुंचा वाहनों को नुकसान हई विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी ठप्प


मंडी से कुल्लू वाया कटौला मार्ग कमांद के पास फिर से लैंडस्लाईड होने के कारण बंद हो गया है। पिछले कल भी इसी स्थान पर भारी भूस्खलन हुआ था। वहीं एनएच सात मील के पास बंद हो गया था लेकिन उसे यातायात के लिए एकतरफा बहाल कर दिया गया है। मंडी से पठानकोट मार्ग घटासनी के पास भारी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है और उसे खोलने का प्रयास जारी है। जिला के बहुत से संपर्क मार्ग बाधित हो गए हैं और विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी ठप्प बताई जा रही है। लारजी और पंडोह डैम को जलस्तर बढ़ने के कारण भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारण मंडी शहर के बीचों बीच बहने वाली ब्यास नदी के जलस्तर में भारी ईजाफा हो गया है। जिला प्रशासन ने लोगों से मौसम के बिगडे मिजाज में घरों से बाहर न निकलने की अपील की है और किसी भी आपात स्थिति में आपदा प्रबंधन को सूचित करने की सलाह दी है।

तो वहीं विधानसभा क्षेत्र सराज के जंजैहली के गांव तुंगाधार में बाढ़ आग गई। इस कारण नाले के साथ खड़े किए गए 4 वाहनों को नुकसान पहुंचा है। इसमें एक ट्रैक्टर, स्कार्पियो, पिकअप औल टाटा की जेस्ट गाड़ी है। इसके अलावा क्षेत्र में घरों को भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं सराज के ही बगस्याड़ में भूस्खलन से एक घर क्षतिग्रस्त और 2 गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। बारिश के कारण चौलचौक-जंजैहली सड़क मार्ग भी वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है।

इसी के साथ गोहर बाजार से बाहवा संपर्क मार्ग पर बना पुल भारी बारिश के कारण पानी के वेग में बह गया है। इस कारण गोहर से ग्राम पंचायत दाण की तरफ आवाजाही बंद हो गई है। क्षतिग्रस्त पुल के एक पिल्लर को बीते साल भी बरसात में नुकसान हुआ था। लेकिन समय पर मरम्मत न होने के कारण अब पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है।इसके अलावा जिला मंडी के सुंदरनगर के अंतर्गत ग्राम पंचायत कलोहड़ के गांव धनेश्वरी और डैहर उप तहसील क्षेत्र में भारी बारिश के कारण लोगों के घरों में कीचड़ वाला पानी घुस गया है। घरों में पानी घुसने का कारण निर्माणाधीन फोरलेन कंपनी द्वारा सड़क के साथ निकासी नालियों का सही निर्माण न करना बताया जा रहा है।बल्हघाटी की बात करें तो यहां पर नालियां बंद हो जाने से सारा पानी फोरलेन पर आ पहुंचा है।


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