स्लेटनुमा एक कमरे में 5 सदस्य परिवार रहने को मज़बूर,कमरे में टपक रहा हैं बारिश का पानी,पंचायत द्वारा नहीं डाला गया ग़रीबी रेखा से नीचे - Smachar

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स्लेटनुमा एक कमरे में 5 सदस्य परिवार रहने को मज़बूर,कमरे में टपक रहा हैं बारिश का पानी,पंचायत द्वारा नहीं डाला गया ग़रीबी रेखा से नीचे

स्लेटनुमा एक कमरे में 5 सदस्य परिवार रहने को मज़बूर,कमरे में टपक रहा हैं बारिश का पानी,पंचायत द्वारा नहीं डाला गया ग़रीबी रेखा से नीचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार नौ बर्षो के कामों, योजनाओं का कर रही हैं गुनगान,वहीं दूसरी और धरातल में गरीब जरुरतमंद परिवार इन योजनाओं से बंचित  

ठेहड़ पंचायत मे रहने वाला एक परिवार कर रहा हैं मुश्किलों का सामना

परिवार को पंचायत द्वारा नहीं डाला गया हैं ग़रीबी रेखा के नीचे परिवार का मुखिया दिमागी तौर पर हैं अस्वस्थ,मुखिया की पत्नी लोगों का काम कर कर रही हैं परिवार का पालन पोषण

पीड़ित परिवार मे अभी तक नहीं हुई हैं पंचायत मे सुनवाई, स्लेटनुमा एक कमरे मे परिवार के 5 सदस्य रहने को हैं मज़बूर,बरसातों मे कमरे मे टपक रहा हैं बारिश का पानी 

नूरपुर : भूषण शर्मा / यहां एक ओर प्रदेश भाजपा नेता मोदी सरकार के नौ बर्षो के कामों, योजनाओं के गुनगान कर रही हैं,वहीं दूसरी और धरातल में गरीब जरुरतमंद परिवार इन योजनाओं से बंचित दिख रहे हैं!ऐसा ही एक मामला मीडिया के सामने देखने को मिला!नूरपुर की पंचायत ठेहड़ के गांव खुवाडा के वार्ड नंबर 2 के रहने वाले महेंद्र दास सपुत्र मुंशी राम का हैं!महेंद्र दास दिमागी तौर पर अस्वस्थ हैं!महेंद्र की पत्नी चांद रानी ने अपविती मिडिया को सुनाई!महेंद्र दास के आलावा उसकी पत्नी व तीन बच्चें हैं!परिवार का पालन -पोषण बड़ी मुश्किल के साथ हो रहा हैं!महेंद्र की पत्नी लोगों के घरों मे काम कर अपने बीमार पति व बच्चों का पालन -पोषण कर रही हैं!महेंद्र दास का एक स्लेटनुमा छोटा सा कमरा हैं!जिसमें घर के पांचो सदस्य रहते हैं और उसी कमरे मे खाना बनाते हैं!आजकल बरसातों के दिनों मे महेंद्र के स्लेटनुमा मकान मे पानी टपकता रहता हैं, जिससे परिवार को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं!यहां तक की इस परिवार को पंचायत ने किसी भी ग़रीबी रेखा मे आने वाले परिवार से बंचित रखा हैं!चांद रानी द्वारा कई बार पंचायत मे जाकर गुहार लगाई गई!पर अभी तक इस परिवार की कोई भी सुनवाई नहीं की गई।

सरकार दावे तो बड़े बड़े करती हैं पर धरातल पर सरकार के दावे जमीनी स्तर पर शून्य हैं


पीड़ित चांद रानी ने कहा कि मेरे पास जगह नहीं है!मेरे मकान को गिरे हुए चार साल हो गए हैं!हम पंचायत में लगातार गुहार लगा रहे हैं,पर कोई मदद नहीं हुई! हर बार आश्वासन दे देते हैं! मेरा पति दिमागी तौर से ठीक नहीं होने के चलते कामकाज नहीं कर सकता है! हम परिवार के पांच लोग हैं! मैंने कुछ दिन पहले प्रधान को कहा कि हमारे यहां मौका देख जाओ कि हम किस हालात में रह रहे हैं!प्रधान ने कहा कि मैं कहीं बाहर हूं फिर देख लूंगी, पर अभी तक मौका देखने तक नहीं आए! मेरे मकान में बारिश का पानी घुस गया था! पंचायत बस यही कहती हैं कि जब ग्रांट आएंगी तब बना देंगे! इसके साथ ही हमारा नाम आईआरडीपी में भी नहीं है! मेरी सरकार व प्रशासन से गुहार है कि मेरी मदद की जाए।

खुवाडा वासी हंस राज ने कहा कि इनकी समस्या हैं कि इनका मकान गिर चुका है ।इनके पास रहने के लिए जगह नहीं है! यह इस समस्या को लेकर पंचायत में गए पर इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है! अब यह कहा जाए! इनकी इतनी पहुंच भी नहीं है कि यह सीधा एसडीएम या किसी विधायक के पास जा सके । इसलिए हमारी सरकार प्रशासन से अपील है कि इस परिवार की मदद की जाए ।


पंचायत प्रधान इंदुबाला ने कहा कि महेंद्र सिंह के परिवार को हम अच्छे तरीके से जानते हैं!उनका मकान तीन-चार वर्ष पहले गिर गया था!पंचायत को इसके बारे पता है! हमने इनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में डाला हुआ है! प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त हमारे पास आ गई है जब भी एस सी में इनके मकान आएंगे तो इनका पहले मकान बनाया जाएगा ।जब प्रधान से इस गरीब परिवार का नाम आईआरडीपी में ना डाले जाने का सवाल पूछा गया तो प्रधान ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जब हमारी आगे अप्रैल में बैठक होगी तो हम किसी का नाम काट कर इनका नाम डाल देंगे।

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