सावन महीने की संक्रांति 16 जुलाई को और सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को
सावन महीने की संक्रांति 16 जुलाई को और सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को
अमावस्या तिथि का महत्व तब और ज्यादा बढ़ता है, जब ये श्रावण मास में पड़ती है. इस बार श्रावण मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन का संयोग भी जुड़ गया है. तो आईये जानते हैं, सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक,सावन महीने की संक्रांति 16 तारीख को और सावन की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई को देर रात 22:07:34 से शुरू होगी, और 18 जुलाई को देर रात 24:00:49 पर खत्म होगी. यानी 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. इस साल श्रावण अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है.
अमवास्या के दिन स्नान, दान, जप-तप करना चाहिए. साथ ही नदी में जाकर स्नान जरूर करना चाहिए. संभव नहीं है तो आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद जरूरतमंद लोगों को कुछ न कुछ दान जरूर करें.
सोमवती अमावस्या वाले दिन पीपल की सेवा करता है, उसकी जड़ में जल चढ़ाता है उसे भगवान विष्णु, भगवान शिव, और भगवान ब्रह्मा जी का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन दूध में काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें. कहा जाता है कि सोमवती के दिन कोई व्यक्ति अगर पितरों का तर्पण करता है या फिर उनके लिए पिंडदान करता है तो उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सबसे पहले जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्ध्य दें.
- फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें.
- पंचोपचार कर महादेव की पूजा फल, फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि से करें.
- पूजा करते समय भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से जरूर करें
- शिव चालीसा, शिव स्त्रोत का पाठ और शिव मंत्र का जाप करें.
- पूजा समापन के बाद ब्राह्मणों के दक्षिणा जरूर दें.
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