मेले और त्यौहार पुरातन संस्कृति के संवाहक: बाली - Smachar

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मेले और त्यौहार पुरातन संस्कृति के संवाहक: बाली

 
मेले और त्यौहार पुरातन संस्कृति के संवाहक: बाली

      जमानाबाद में सांस्कृतिक संध्या में लोक गायकों ने जमाया रंग
     मेला कमेटी को आयोजन के लिए मुख्यातिथि ने दिए पचास हजार
   धर्मशाला,कांगड़ा, 29 जुलाई। मेले और त्यौहार प्राचीन संस्कृति के संवाहक हैं। मेलों के माध्यम से संस्कृति के संरक्षण को बल मिलता है तथा युवा पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति से जुड़ने का अवसर मिलता है।
   यह उद्गार पर्यटन निगम के अध्यक्ष, कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने जमानाबाद में गत शुक्रवार  रात्रि मिंजर मेले के उत्सव के सांस्कृतिक संध्या के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक संस्कृति के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए कारगर कदम उठा रही है।
   उन्होंने कहा कि विलुप्त हो रही कलाओं के उत्थान के लिए भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश विशेषकर कांगड़ा तथा चंबा का मिंजर मेला एक साथ पुराना जुड़ाव है तथा जमानाबाद के लोगों ने इस ऐतिहासिक मेले को संजोने का सराहनीय प्रयास किया है।  इससे पहले मुख्य अतिथि को कमेटी सदस्यों ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। मिंजर मेले की सांस्कृतिक संध्या में मशहूर सिंगर राखी गौतम सहित हंसराज, सौरभ शर्मा, सनी, शिवांश अमरीक सिंह और राकेश ठाकुर ने अपनी आवाज से लोगों का मनोरंजन किया।
मुख्यातिथि ने मिंजर मेला कमेटी को 50 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की साथ ही उन्होंने मिंजर मेला ग्राउंड के सौंदर्यीकरण पर 5 लाख रुपए की राशि देने की बात कही।
इस कार्यक्रम में मिंजर मेला कमेटी अध्यक्ष अशोक कुमार, सचिव विनय पाल, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष राकेश पनियारी, ग्राम पंचायत प्रधान कुलदीप सिंह, प्रधान केवल सिंह, मंच संचालक संदीप कुमार मिंजर मेला कमेटी सदस्य प्रणाम सुदेश

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