कोरोना फिर दुनिया में मचा सकता हाहाकार: ओमिक्रॉन से दुगुना संक्रामक वेरिएंट मिला, इंडोनेशिया के मरीज में मिला 113 बार म्यूटेट कर चुका वेरिएंट - Smachar

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कोरोना फिर दुनिया में मचा सकता हाहाकार: ओमिक्रॉन से दुगुना संक्रामक वेरिएंट मिला, इंडोनेशिया के मरीज में मिला 113 बार म्यूटेट कर चुका वेरिएंट

 कोरोना फिर दुनिया में मचा सकता हाहाकार: ओमिक्रॉन से दुगुना संक्रामक वेरिएंट मिला, इंडोनेशिया के मरीज में मिला 113 बार म्यूटेट कर चुका वेरिएंट


एक बार फिर कोविड-19 वायरस दुनिया में तबाही मचा सकता है। वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया में अबतक के सबसे अधिक म्यूटेटेड वेरिएंट की खोज की है। कोरोना का यह वायरस करीब 113 बार म्यूटेट कर चुका है।दुनिया में तबाही मचाने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट से दुगुना से अधिक बार यह म्यूटेट किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार जकार्ता में एक रोगी के स्वाब से डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेटेड वेरिएंट मिला है जो कम से कम 113 बार म्यूटेट कर चुका है। इसकी तुलना में ओमिक्रॉन लगभग 50 बार ही म्यूटेट किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बेहद संक्रामक हो सकता है।


संक्रमण तेजी से फैलेगा या नहीं, अभी वैज्ञानिक इस पर कर रहे रिसर्च


इंडोनेशिया में मिला अबतक का कोरोना का सबसे अधिक म्यूटेटेड वेरिएंट 113 बार म्यूटेट कर चुका है। यह संख्या ओमिक्रॉन से दोगुना से अधिक है। हालांकि, यह तय नहीं है कि यह दुनिया में ओमिक्रॉन की तरह तबाही मचाकर लॉकडाउन की ओर सबको धकेल सकता है या नहीं। वैसे टॉप साइंटिस्ट कहते कि इस वेरिएंट से दुनिया को किसी तरह के लॉक डाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। जुलाई की शुरूआत में ग्लोबल कोविड जीनोमिक्स डेटाबेस का नया वायरस, पुराने संक्रमण से ही उत्पन्न हुआ है।

महीनों तक संक्रमित रखता है वायरस


नया वेरिएंट मरीजों में महीनों तक संक्रमण बनाए रख सकता है। क्रोनिक संक्रमण आमतौर पर कमजोर इम्युन सिस्टम वाले रोगियों में होते हैं। यह वायरस एड्स या कैंसर पीड़ितों के उपचार में बाधक बनता है। इस तरह के संक्रमण वैज्ञानिकों को चिंतित कर रहे हैं।


वारविक यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर लॉरेंस यंग ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नए खोजे गए स्ट्रेन में आगे बढ़ने और दूसरों को संक्रमित करने की कोई क्षमता है या नहीं। लेकिन सबसे बड़ा डर, इस वेरिएंट के चुपके से उभरने का है। प्रोफेसर यंग ने कहा कि यह वायरस हमें लगातार आश्चर्यचकित कर रहा है और लापरवाह बने रहना खतरनाक है। प्रोफेसर बताते हैं कि वायरस लगातार म्यूटेट होता रहेगा और तेजी से फैलने के साथ उन लोगों को अधिक शिकार बनाएगा जिनकी इम्युनिटी कमजोर है। उन्होंने कहा, 'पुराने संक्रमणों को लेकर चिंता की बात यह है कि वायरस ऐसे व्यक्ति में म्यूटेट कर रहा है जिसने पहले से ही इम्युनिटी विकसित कर ली है।'

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