फसलों में अत्यधिक यूरिया डालना खुद किसान परिवार और पौधों के लिए हानिकारक है , अर्चिता महाजन
फसलों में अत्यधिक यूरिया डालना खुद किसान परिवार और पौधों के लिए हानिकारक है , अर्चिता महाजन
यूरिया त्वचा, आँखों और श्वसन तंत्र के लिए परेशान करने वाला हो सकता है।
बटाला (अविनाश शर्मा, संजीव नैयर) अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जरूरत से ज्यादा यूरिया का इस्तेमाल करना ताकि पैदावार बढ़ जाए पौधों के लिए भी हानिकारक है और खुद किसान परिवार के लिए भी हानिकारक है क्योंकि ज्यादातर किसानों का घर परिवार खेत के आसपास ही होता है। ऐसे में यूरिया पानी और हवा में मिलकर खुद किसान और उसके परिवार के लिए हानिकारक हो जाता हैयूरिया त्वचा, आँखों और श्वसन तंत्र के लिए परेशान करने वाला हो सकता है। त्वचा पर उर्वरक के रूप में यूरिया के बार-बार या लंबे समय तक संपर्क से डर्मेटाइटिस हो सकता है। रक्त में उच्च सांद्रता हानिकारक हो सकती है।गेहूं की फसल में यूरिया ज्यादा मात्रा में डालने से किसानों को नुकसान हुआ है। किसानों ने बिना किसी सलाह के यूरिया फसल में ज्यादा मात्रा में डाल दिया, जिससे गेहूं के पौधे की जड़ खत्म हो गई। यूरिया ज्यादा डालने से पौधे की जड़ को खत्म कर देता है। जैसे ही आंधी या तेज बरसात आती है तो गेहूं का पौधा जमीन पर गिर जाता हैअत्यधिक नाइट्रोजन के कारण पौधों की वानस्पतिक वृद्वि अधिक होती है, जिस कारण पौधा अधिक मुलायम एवं नरम हो जाता है, जिससे कि कीट एवं रोगों के सक्रमण की सम्भावनाओं में वृद्वि होती है. यूरिया उर्वरक के प्रयोग के नाईट्रस आक्साईड गैस निकलने के कारण पर्यावरण (वायु, जल एवं मृदा) प्रदूषण की समस्या में वृद्वि होती हैपीने के पानी में नाइट्रेट से छह महीने के तक बच्चों को ब्लू बेबी सिंड्रोम हो सकता है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है क्योंकि नाइट्रेट हीमोग्लोबिन के प्रभाव को बाधित कर देता है। हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन का वाहक है। इससे बच्चों को बार-बार डायरिया हो सकता है। यह श्वसन क्रिया को भी बाधित करता है। यह स्कूली बच्चों में उच्च रक्तचाप और ब्लड प्रेशर भी बढ़ा देता है।
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