लोकतांत्रिक देश की सबसे बड़ी पंचायत में सबसे कम उम्र की सांसद ने ली शपथ
लोकतांत्रिक देश की सबसे बड़ी पंचायत में सबसे कम उम्र की सांसद ने ली शपथ
राजस्थान की सबसे कम उम्र की सांसद संजना जाटव ने मंगलवार को लोकसभा सदस्य की शपथ ली। संजना जाटव अपने चिर-परिचित अंदाज में साड़ी पहने, सिर पर पल्लू ढके नजर आईं. इन तस्वीरों और वीडियो में संस्कारी भारतीय नारी की झलक नजर आती है. संजना के शपथ ग्रहण के दौरान उनके परिवार की महिलाएं और उनके पति दिल्ली में ही मौजूद थे. जो संजना की सफलता से खासे खुश नजर आए. संजना के पति कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं. पत्नी के शपथ ग्रहण के लिए उन्होंने ड्यूटी से छुट्टी ली थी.
सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली पुलिस कांस्टेबल की पत्नी संजना जाटव (Sanjana Jatav Political Carrier) का सांसद बनने का सफर अपने आप में बेहद रोचक है. दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाली संजना जाटव ने राजनीति में कदम रखने के बाद मात्र तीन साल में ही काफी लंबा सफर तय कर लिया है. संजना जाटव की शादी 2016 में अलवर जिले की कठूमर विधानसभा क्षेत्र के गांव समूची निवासी कप्तान सिंह से हुई थी. कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर अलवर के थानागाजी थाने पर कार्यरत हैं। भरतपुर सांसद संजना जाटव के पति कप्तान सिंह ने बताया, उनके ताऊ कमल सिंह सरपंच थे. उनका पद 2019 में समाप्त होने वाला था. लेकिन परिवार की शान-शौकत को देखते हुए एक राजनीतिक पद का घर में रहना जरूरी था. 2021 में जिला परिषद सदस्य के चुनाव होने थे. अलवर जिला परिषद का वार्ड नंबर 29 सीट महिला के लिए रिजर्व थी. परिवार के सामने चुनौती थी कि किसी महिला को राजनीति में लाकर चुनाव लड़ाया जाए. उसी समय परिवार के सभी सदस्यों ने संजना के पढ़ी-लिखी होने के कारण उन्हें चुनाव लड़ाने का फैसला लिया. संजना 2021 में अलवर के वार्ड नंबर 29 से चुनाव लड़ी और जीती.
कप्तान सिंह ने बताया कि जिला परिषद् सदस्य के चुनाव में मिली जीत बाद मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी पत्नी को कठूमर विधानसभा क्षेत्र से विधायक का टिकट मिलेगा. लेकिन 2023 में कांग्रेस ने संजना को विधानसभा का टिकट दे दिया. हालांकि संजना मात्र 409 वोट से विधानसभा का चुनाव हार गई।विधानसभा चुनाव परिणाम के कुछ समय बाद संजना जाटव के पिता को अचानक दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. परिवार का मानना है कि यह चुनावी हार की निराशा थी. लेकिन ऊपरवाले को कुछ और ही मंजूर था. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भी कांग्रेस ने संजना जाटव को भरतपुर लोकसभा सीट का टिकट दिया. मात्र तीन साल के राजनीतिक अनुभव के बाद भी संजना ने दिल से चुनाव लड़ा. चुनाव प्रचार के दौरान उनके कई वीडियो सामने आए, जिसमें वो महिलाओं के साथ खेत में गेंहू काटती तक नजर आई. जब 4 जून को वोटों की गिनती हुई तो संजना जाटव ने इतिहास रच दिया. वह भरतपुर से 52,000 वोटों से जीतीं. साथ ही राजस्थान की सबसे कम की सांसद बनने का रिकॉर्ड भी बनाया।संजना ने शादी के बाद बीए और एलएलबी की डिग्री हासिल की. उनके दो बच्चे हैं, एक छह साल का बेटा और एक चार साल की बेटी. अपने सियासी करियर पर संजना जाटव ने कहा, "मेरा परिवार, खास तौर पर मेरे पति, मेरा सबसे बड़ा सहारा और मेरी ढाल रहे हैं." संजना ने कहा कि वह भरतपुर के स्थानीय मुद्दों जैसे पानी की कमी, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं. महिलाओं में ऐसे कौशल विकसित करना चाहती हूं कि जिससे वे घर से काम करते हुए कमाई कर सकें।
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