सबूत मिलने के बावजूद भी बैंक खाते से धन राशि निकालने वाले रैकेट के विरुद्ध क्या एक्शन लिया :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक - Smachar

Header Ads

Breaking News

सबूत मिलने के बावजूद भी बैंक खाते से धन राशि निकालने वाले रैकेट के विरुद्ध क्या एक्शन लिया :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक

पुलिस व साइबर क्राइम वाले बतायें कि सबूत मिलने के बावजूद भी बैंक खाते से धन राशि निकालने वाले रैकेट के विरुद्ध क्या एक्शन लिया :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक 



गत माह 29 मई 2024 को मेरे छोटे भाई अश्विनी कुमार को सांये  8 बजकर 8 मिनट पर मोबाइल पर मैसेज आया की आपके एस वी आई बैंक अकाउंट से पहले 1 रुपया दूसरी बार 9998 रूपए फिर तीसरी बार 500 रूपए की निकासी हुई है। भाई साहब ने तत्काल एस वी आई हेल्पलाइन में फोन किया उन्होंने बताया कि आपका यू पी आई ब्लॉक कर दिया है । अब  आप साइबर क्राइम पर कंप्लेंट कीजिये । इस तरह खाते से कथित छेड़छाड़ की शिकायत लिखित रूप में करने के उपरान्त साइबर हेल्प डेस्क से फोन आया कि शिकायत पंजीकरण के 1450 रुपये इस नम्बर पर 91 7617059398 गूगल पे करें । पूर्व विधायक ने बताया छोटे भाई साहिब द्वारा इस तरह 1450 रुपये भेजे जाने पर जब  उन्होंने स्वयं साइबर हेल्प लाईन से छानबीन की कोशिश की तो बार बार पूछे जाने के बावजूद भी कम्पलेंट एटेडॆंट ने अपना नाम नहीं बताया वस इतना कहा कि आप sp-kan-hp@nic.in पर अपनी यह शिकायत दर्ज करवायें । यहां भी शिकायत दर्ज करने पर फिर काल आई कि अब  आप इसी नम्बर पर दस हजार रुपये भेजें यह राशि आपके जितने रुपये गये हैं उसके साथ लोटा दी जाएगी । पूर्व विधायक ने खाते से छेड़छाड़ व इस तरह की ठगी को गंभीरता से लेते हुए इस विषय को एस पी कांगड़ा , थाना प्रभारी भवारना ओर विशेष कर शाखा प्रबन्धक एस वी आई परोर के ध्यानार्थ लाते हुए कहा है कि इस तरह की यह घटना एवं शिकायत साइबर क्राइम की गोपनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रही है। इसकी उच्च स्तरीय जांच पड़ताल करके इस धंधे में संलिप्त इस तरह के बडे गिरोह का पर्दाफाश करके बडी कामयाबी हासिल की जाए। पूर्व विधायक ने हैरानगी जताते हुए कहा लगभग एक महिना होता आया तथ्य पुलिस के समक्ष  हैं कि यह राशि सक्षम ट्रेडस ऊजैन , इन्दौर एच डी एफ सी बैंक खाता नम्बर 8085944215 में जमा हुई है। इस तरह बैंक व ठगी गिरोह का नाम स्थल दर्शाने के बावजूद भी एक्शन टेकन में पुलिस इतनी असक्षम अर्थात अपाहिज क्यों|

कोई टिप्पणी नहीं