आपदा के समय मानवीय संवेदना को ध्यान में रखकर काम कर रही प्रदेश सरकार- सुंदर सिंह ठाकुर - Smachar

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आपदा के समय मानवीय संवेदना को ध्यान में रखकर काम कर रही प्रदेश सरकार- सुंदर सिंह ठाकुर

 

 

 आपदा के समय मानवीय संवेदना को ध्यान में रखकर काम कर रही प्रदेश सरकार- सुंदर सिंह ठाकुर


पाहनाला और कुल्लू तहसील कार्यालय में आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री बांटते हुए सीपीएस ने कहा

मुआवजा राशि में प्रदेश सरकार ने की 10 गुणा तक बढ़ौतरीमुख्यमंत्री आपदा के प्रति गंभीर

 

मुख्य संस्दीय सचिव (बहुद्देशय परियोजनाएंउर्जावनपर्यटन एवं परिवहन) सुंदर सिंह ठाकुर ने आज कहा कि आपदा के समय प्रदेश सरकार मानवीय संवेदनाओं के आधार पर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुआई में सरकार ने मुआवजा राशि में 10 गुणा तक बढ़ौतरी की है। मंगलवार को पाहनाला और तहसील कार्यालय कुल्लू में आपदा प्रभावितों को राहत राशि प्रदान करते हुए उन्होंने यह बात कही।

 

इस दौरान उन्होंने प्रभावितों को 25 हजार से लेकर 1.20 लाख रुपए तक राहत राशि भी प्रदान की। उन्होंने प्रभावितों को तिरपालकंबल सहित राशन का सामान बांटा। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए मुआवजा राशि में बढ़ौतरी की है। सरकार ने रलीफ मैनुअल में संशोधन कर बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित हुए परिवारों को विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।

 

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संवेदनशीलता की अनूठी मिसाल कायम की है। इससे पहले राहत मैनुअल के तहत पक्के घर को आंशिक क्षति पर 12500 रुपए तथा कच्चे मकान को आंशिक नुक्सान होने पर 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाती थी। वर्तमान प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व त्रासदी को देखते हुए इसे बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है। दुकानों और ढाबों को नुक्सान होने पर पहले सिर्फ  सामान की एवज में 10 हजार रुपए की मामूली आर्थिक सहायता मिलती थीजिसे राज्य सरकार ने दस गुणा बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है।

 

इसके अतिरिक्त किराएदार के सामान को नुक्सान होने पर पहले 25 हजार रुपए की मदद दी जाती थी जिसे दोगुना करके 50 हजार रुपए कर दिया गया है। कृषि और बागवानी योग्य भूमि में बाढ़ से गाद आने पर मुआवजा 1400 रुपए प्रति बीघा से बढ़ाकर 5000 रुपए प्रति बीघा कर दिया गया है।

 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषकों और बागवानों के हितों के लिए तत्पर है। इसी कड़ी में कृषि और बागवानी योग्य भूमि को क्षति होने पर आर्थिक सहायता को 3600 रुपए प्रति बीघा से बढ़ाकर 10 हजार रुपए प्रति बीघा कर दिया गया है। प्राकृतिक आपदा में किसानों व बागवानों की फसल को नुक्सान होने पर 300 से 500 रुपए प्रति बीघा मुआवजा को बढ़ाकर 2 हजार रुपए प्रति बीघा कर दिया है।

 

सीपीएस ने कहा कि गाय भैंस तथा अन्य दुधारू पशुओं की जान जाने पर 55 हजार रुपए प्रति पशु की आर्थिक सहायता दी जाएगो जो कि पहले 37500 रुपए थी। भेड़बकरी और सूअर की जान जाने पर मिलने वाली आर्थिक मदद को 4 हजार रुपए से बढ़ाकर 6000 रुपए कर दिया गया है। पहले यह मुआवजा अधिकतम 30 भेड़बकरी और सूअर के लिए ही दिया जाता था लेकिन राज्य सरकार ने इस शर्त को भी खत्म कर दिया है।

 

सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार मुआवजा राशि को इतना अधिक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रभावितों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कुल्लू क्षेत्र के प्रभावितों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार विपदा की हर घड़ी में उनके साथ है। राहत राशि आबंटन के दौरान उनके साथ विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।

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