चलो पार्थ अब रथ योग डाइट और होम्योपैथी की तरफ मोड़ लो डॉ अर्चिता महाजन
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यूटीआई, टाइफाइड, श्वसन संक्रमण और डायरिया निमोनिया पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर नहीं: शीर्ष चिकित्सा संस्था आईसीएमआर
एंटीबायोटिक्स को दूसरों के साथ साझा न करें. बाद के लिए बचाकर न रखें.किसी और के लिए लिखी गई एंटीबायोटिक्स न लें
डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि लंबे समय तक एंटीबायोटिक का प्रयोग करने से हमारे शरीर एंटीबायोटिक के आदी हो चुके हैं।भारत के चिकित्सा पैनल की नवीनतम रिपोर्ट से पता चला है कि देश भर में एंटीबायोटिक प्रतिरोध में चिंताजनक वृद्धि हुई है।कुछ बीमारियां, जैसे मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई), रक्त संक्रमण, निमोनिया औरश्वसन संक्रमण और डायरिया टाइफाइड, का इलाज करना कठिन होता जा रहा है, क्योंकि इनके लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया अब सामान्य एंटीबायोटिक दवाओं पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहे हैं। अभी भी यदि आप एंटीबायोटिक को अपने शरीर पर असरदायक रखना चाहते हैं तो कुछ सावधानियां जरूर रखें जैसे की एंटीबायोटिक्स को दूसरों के साथ साझा न करें. बाद के लिए बचाकर न रखें.किसी और के लिए लिखी गई एंटीबायोटिक्स न लें। जहां तक हो सके छोटी-मोटे रोगों पर एंटीबायोटिक लेने से परहेज करें ताकि हमारा शरीर उनका आदि आदी ना हो जाए और जब ज्यादा जरूरत तो हो तब वह एंटीबायोटिक काम ही ना करें। छोटे-मोटे रोगों के लिए एंटीबायोटिक का सहारा लेने की बजाय योग डाइट और होम्योपैथिक की ओर झुकाव रखें।
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