शरद नवरात्र के पूजन से बनते हैं बिगड़े कार्य, आइए जानें कब शरद नवरात्र
शरद नवरात्र के पूजन से बनते हैं बिगड़े कार्य, आइए जानें कब शरद नवरात्र
पितृ पक्ष के समापन के बाद शरद् नवरात्र का प्रारंभ होता है।इस बार शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से मां की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। नवरात्र में श्रृंगार का सामान जैसे चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी आदि घर लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इन चीजों को मां दुर्गा को अर्पित कर पूजा स्थल में रखें। मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास और खुशहाली आती है।मंदिर को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में सजाना शुभ माना जाता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।सबसे पहले मंदिर को अच्छे से साफ करें। धूल और गंदगी को हटाएं ताकि वातावरण पवित्र और सुगंधित हो। पवित्रता बनाए रखने के लिए नियमित रूप से सफाई करें।मां दुर्गा की प्रतिमा को ताजे फूलों से सजाएं। लाल, पीला और सफेद फूल शुभ माने जाते हैं। आप फूलों की माला भी बना सकते हैं।मां को भोग के लिए फल, मिठाइयां और अन्य खाद्य पदार्थ रखें। इसे सुंदर तरीके से सजाकर अर्पित करें
पहले दिन शैलपुत्री माँ का पूजन होता है।
दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी का पूजन - 4 अक्तूबर 2024
तीसरे दिन- मां चंद्रघंटा का पूजन - 5 अक्तूबर 2024
चौथे दिन- मां कूष्मांडा का पूजन - 6 अक्तूबर 2024
पांचवें दिन- मां स्कंदमाता का पूजन - 7 अक्तूबर 2024
छठे दिन- मां कात्यायनी का पूजन - 8 अक्तूबर 2024
सातवें दिन- मां कालरात्रि की पूजन - 9 अक्तूबर 2024
आठवें दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजन - 10 अक्तूबर 2024
नौवें दिन- मां महागौरी का पूजन - 11 अक्तूबर 2024
विजयदशमी - 12 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन होगा।
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