अमावस्या तिथि पर शनि जंयती के बन रहे योग,नाराज़ पितरों की शांति के लिए करें उपाय, मिलेगी धन-दौलत,खुशियां
अमावस्या तिथि पर शनि जंयती के बन रहे योग,नाराज़ पितरों की शांति के लिए करें उपाय, मिलेगी धन-दौलत,खुशियां
अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य कर पितरों की शांति के लिए भी पूजन किया जाता है। जिसके आपके पूर्वजों को खुशी होगी अथवा उनका आशीर्वाद सदा आपके और आपके परिवार के ऊपर बना रहेगा।इस साल ज्येष्ठ यानी की मई माह की अमावस्या तिथि 19 मई को पड़ रही है।
अमावस्या के दिन पीपल, बड़, आंवले या नीम का पौधा लगाना लाभदायक हो सकता है। मान्यता है कि, पौधा लगाने से भी पितर खुश और संतुष्ट होते हैं।
पीपल का पेड़ लगाने के साथ साथ पेड़ की पूजा करने से भी पितर खुश रहते हैं। मान्यता है कि, न केवल अमावस्या के दिन बल्कि हर रोज़ दोपहर में पीपल के पेड़ को जल, फूल, अक्षत, दूध, काले तिल अर्पित करना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन विधिपूर्वक अपने पितरों को ध्यान-धूप और दान-दक्षिणा देना आवश्यक है। नहीं तो पितरों की नाराजगी के साथ आप जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे, नियमित रूप से पितरों की आत्मा की शांति के उपाय कर उनके आशीर्वाद से आपका कष्टो से भरा जीवन दोबारा पटरी पर आ जाएगा। पितरों को खुश कर आपकी जिंदगी धन, दौलत, सुख, शांति, समृद्धि से भर जाएगी।
अमावस्या तिथि पर नदी स्नान, दान, काम और पूजन करना बहुत फलदायक माना जाता है। हिंदू धर्म के मुताबिक इस तिथि पर जो भी काम किया जाए, उसमें अवश्य ही सफलता हासिल होती है। अगर आपके जीवन में भी किसी प्रकार दुख, दर्द, कष्ट या पीड़ा है तो अमावस्या तिथि पर पूजन करने से लाभ हो सकता है। वहीं अमावस्या पर पितरों की नाराजगी का भी उपाय किया जा सकता है, ताकि उनका आशीर्वाद और खुशियां सदेव आपके जीवन में बनी रहे।
अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान कर, घर में गंगाजल का छिड़काव करें। फिर मुट्ठी में कुश और काले तिल लेकर उन्हें जल से पितरों के चरणों में अर्पित करें। ऐसा करने से पितर तृप्त होते हैं।
ब्राह्मण के साथ साथ कौए, गाय, कुत्ते और चीटियों को भी नियमित रूप से भोजन करवाएं। पशु और पक्षियों को खाना प्रदान करने से भी पितरों को भोजन प्राप्त हो जाता है।
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