शिवा परियोजना में शामिल हुआ ड्रैगन फ्रूट
काँगड़ा : शिवा परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट के पौधे रोपे जाएंगे। जिला कांगड़ा के किसान आशीष राणा ने बताया कि 2025 में शुरू होने वाले शिवा परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट के पौधे रोपे जाएंगे।
आशीष राणा ने अपने परिवार के साथ मिलकर बागबानी विभाग के सहयोग से ड्रैगन फ्रूट की खेती की और दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बन रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं। आशीष राणा नगरोटा सूरियां के घाड़ जरोट के निवासी हैं। वह अपनी जमीन पर अपने पिता जीवन सिंह राणा के साथ ड्रैगन फ्रूट की खेती करते हैं। सिविल इंजीनियर पास करें के बाद आशीष राणा ने अपने पिता जीवन राणा के साथ नया कारोबार ड्रैगन फ्रूट की खेती को लेकर शुरू करने को लेकर मन बनाया। इसके बाद उन्होंने प्रदेश में बागवानी विभाग से संपर्क कर छह कनाल भूमि पर ड्रैगन फ्रूट के 450 पौधे लगाए। पिछले साल करीब 1300 किवंटल ड्रैगन फ्रूट की पैदावार हुई। आशीष राणा ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की फसल पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से तैयार की गई है। इसलिए इसकी मांग दूसरे राज्यों में काफी अच्छी रहती है। जहां पर इसके 250 से 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक दाम मिलते हैं।
इसको लेकर जिला कांगड़ा के किसान आशीष राणा पिछले दिनों शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिले और उन्हें ड्रैगन फ्रूट भेंट स्वरूप दिया। उन्होंने बताया कि शिवा परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश में 2025 से लेकर वर्ष 2028 तक छह हजार हेक्टेयर भूमि में 60 लाख फलों के पौधे रोपे जाएंगे, जिसमे ड्रैगन फ्रूट के पौधे को भी रोपे जाएंगे। कांगड़ा जिले में किसान आशीष ने अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती कर सबको हैरत में डाल दिया है।
बागबानी विभाग के उपनिदेशक डा. कमलशील नेगी ने बताया कि पहले ड्रैगन फ्रूट की पैदावार अन्य राज्यों में होती थी, लेकिन इसमें औषधीय गुण भरपूर होने के कारण प्रदेश में में इसकी मांग बढ़ी है. जिसके चलते प्रदेश सरकार द्वारा इसकी खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। विभाग इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है।
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