आपसी भाईचारे का प्रतीक है अचल साहिब का मेला: परमजीत सिंह गिल
आपसी भाईचारे का प्रतीक है अचल साहिब का मेला: परमजीत सिंह गिल
परमजीत सिंह गिल ने देशवासियों को नवमी दसवीं के मेले की बधाई दी
बटाला (राजेश लाहोरिया , अविनाश शर्मा) हिमालय परिवार संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर के वरिष्ठ नेता परमजीत सिंह गिल ने 10-11 नवंबर को अचलेश्वर धाम में लगने वाले नवमी एवं दसवीं के मेले की सभी देशवासियों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि अचलेश्वर धाम और अचल साहिब बटाले से जालंधर रोड पर स्थित हैं जहां प्राचीन गुरुद्वारा और एक साझा पवित्र तालाब वाला मंदिर आपसी भाईचारे के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। वहां सभी धर्मों के लाखों लोग इस स्थान पर मत्था टेकते हैं और मेले का आनंद बढ़ा देते हैं।
उन्होंने कहा कि प्राचीन हवालों के अनुसार, भगवान शिव और 33 करोड़ देवी-देवता इस तीर्थस्थल से जुड़े हुए हैं और सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी भी इस तीर्थस्थल पर पहुंचे थे, जिन्होंने उस समय एक अकाल पुरख के बताए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया था।
उन्होंने बताया कि पौराणिक संदर्भों के अनुसार भगवान शिव के पुत्र कार्तिक स्वामी इसी स्थान पर आकर स्थिर हो गये थे और उन्हें मनाने के लिये भगवान शिव, माता पार्वती तथा 33 करोड़ देवी-देवता इस स्थान पर आये थे। जिससे इस स्थान का महात्म्य बताया जाता है।
उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थान पर एक प्राचीन मंदिर बना हुआ है और यह स्थान भगवान कार्तिक के मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है जो पूरे विश्व में इस स्थान के विशेष महत्व को ही बताता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थान की महानता यह है कि सभी धर्मों के लोग यहा गुरुद्वारे और मंदिर में पहुंचकर पूरी श्रद्धा के साथ मत्था टेकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस स्थान पर हर साल दिवाली के नौवें दिन के बाद नवमी और दसवीं के नाम पर मेला लगता है। जिसमें दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इस मौके पर उन्होंने नवमी और दसवीं के मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बधाई दी है और प्रशासन से भी अपील की है कि वे श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम करें ताकि किसी भी स्थिति में संगत को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
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