जोगिन्दरनगर नैरोगेज रेलमार्ग पर इसी हफ्ते कांगड़ा से असगे नूरपुर रोड तक दौड़ सकती है रेलगाड़ियां
पठानकोट - जोगिन्दरनगर नैरोगेज रेलमार्ग पर इसी हफ्ते कांगड़ा से असगे नूरपुर रोड तक दौड़ सकती है रेलगाड़ियां
नगरोटा सूरियां : प्रेम स्वरूप शर्मा /
पठानकोट - जोगिन्दरनगर नैरोगेज रेलमार्ग पर इसी हफ्ते कांगड़ा से असगे नूरपुर रोड तक रेलगाड़ियां सरक सकती हैं। जबकि बैजनाथ से कांगड़ा तक दो रेलगाड़ियां पहले ही आवाजाही कर रही हैं। रेलमार्ग पर नूरपुर से कोपडलाहड़ तक एक रेल इंजन दौड़ा कर वुधवार को रेलवे बोर्ड ने सफल ट्रायल किया। इससे पहले भी रेलवे बोर्ड ने 24 सितंबर को इंजन के साथ सात डिब्बे जोड़कर नूरपुर रोड से गुलेर तक सफल ट्रायल किया था और नवरात्रों में रेलगाड़ी चलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी रेलगाड़ियां बहाल नही हो पाई। जबकि बैजनाथ से कांगड़ा तक व बैजनाथ से जोगिन्दरनगर तज दो रेलगाड़ियां बहाल कर दी हैं। लेकिन कांगड़ा से नूरपुर रोड तक रेलगाड़ी बहाल नहीं होने से लोगों में गुस्सा बढ़ने लग पड़ा था।
ज्वालामुखी रोड रेलवे स्टेशन के नजदीक रेलमार्ग पर जुलाई में भारी वर्षा से भूस्खलन से राष्ट्रीय उच्च मार्ग का मलवा रेल ट्रैक पर गिर गया था। इससे करीब 100 मीटर रेल ट्रैक मलवे के नीचे दब गया और रेलवे बोर्ड 100 मीटर रेल ट्रैक पर से मलवे को पांच महीने बीत जाने के बाद भी नहीं हटा पाया है। ग्रामीणों व रोजाना सफर करने वालों ने रेलवे बोर्ड को चेताया था कि यदि 30 नवंबर तक बैजनाथ से नूरपुर रोड तक रेलगाड़ियां बहाल नहीं की गईं तो कांगड़ा जिला के ग्रामीण सड़कों पर उतर कर रेलवे बोर्ड के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
नूरपुर रोड से बैजनाथ तक जुलाई महीने से रेलगाड़ियाँ बन्द पड़ी हैं। जबकि 21 सितम्बर को बैजनाथ से कांगड़ा तक रेलवे बोर्ड ने सफल ट्रायल कर 26 सितंबर से दो रेलगाड़ियों की आवाजाही शुरू कर दी है और रेलवे बोर्ड ने 18 अक्टूबर से दो रेलगाड़ियां बैजनाथ से जोगिन्दरनगर तक शुरू कर दी हैं। जबकि कांगड़ा से नूरपुर रोड़ तक बन्द पड़ी रेलगाड़ियों की बहाली में अनदेखी की जा रही है। जिससे लोगों में रोष पनपने लग पड़ा है। 24 सितम्बर को नूरपुर रोड़ से गुलेर तक रेलवे बोर्ड ने सात रेल डिब्बों वाले इंजन के साथ सफल ट्रायल भी किया था और लोगों में उम्मीद जगी थी कि नूरपुर रोड़ से गुलेर तक रेलगाड़ियां चल पड़ेंगी। लेकिन रेलवे बोर्ड दो महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक नूरपुर रोड से गुलेर तक रेलगाड़ियां बहाल नही कर पाया। अब वुधवार को नूरपुर रोड से कोपडलाहड़ तक रेल इंजन दौड़ा कर रेलमार्ग का ट्रायल लिया गया है और ट्रायल सफल रहने पर इसी सप्ताह बैजनाथ से कांगड़ा तक चल रही रेलगाड़ियों को कांगड़ा से आगे नूरपुर रोड तक बढाने की उम्मीद बढ़ गयी है।
नगरोटा सूरियां के ग्रामीणों का कहना है कि नूरपुर रोड से बैजनाथ तक रेलगाड़ियां बहाल होने से गुलेर से ज्वाली के बीच के करीब तीन दर्जन दुर्गम गांवों को महंगे सफर से निजात मिलेगी। इन गांवों के लिए केवल रेलमार्ग ही सस्ता और सुगम आवाजाही का साधन है। रेलगाड़ियां बन्द होने से इन गांवों के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इन्हें 10 रुपये का सफर करीब चार से छह किलोमीटर पैदल सफर तय करने के बाद छह गुना अधिक बस किराया देकर सफर करना पड़ रहा है।
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