हिमाचल की आर्थिकी पर बरसाती आपदा की चौतरफ़ा मार,
हिमाचल की आर्थिकी पर बरसाती आपदा की चौतरफ़ा मार,
एक तरफ इंफ्रास्ट्रक्चर दूसरी ओर पर्यटन कारोबार को नुकसान,
वीकेंड पर शिमला के होटलों में 15 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी भी नहीं,
अब तक की सबसे कम बुकिंग,
शिमला : गायत्री गर्ग /
परेशानी में पर्यटन कारोबारी,
मानसून में आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से चौतरफा मार झेलनी पड़ रही है. भारी बारिश से जहां एक ओर हिमाचल के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा नुकसान हुआ. वहीं, पर्यटन कारोबार पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है. हिमाचल की आर्थिकी के रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन कारोबार पर बरसाती आफत की तगड़ी मार पड़ रही है. हिमाचल की अर्थव्यवस्था में पर्यटन कारोबार का एक बड़ा हिस्सा है और बहुत से लोग इस पर निर्भर हैं. लेकिन, बरसाती आपदा पर्यटन कारोबार के लिए भी आफत बनकर आई है. आलम ये है की छुट्टियों के दिनों में जो होटल पैक रहते थे, वहां ऑक्युपेंसी 20 फ़ीसदी पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. पर्यटन के लिए मशहूर प्रदेश की राजधानी शिमला का भी कुछ यही हाल है. पर्यटन कारोबारियों का कहना है कि कारोबार अब तक के सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है. होटल में ऑक्युपेंसी 20 फ़ीसदी से भी कम हो रही है. कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश के सिर्फ कुछ इलाके बरसाती आपदा से प्रभावित है. प्रदेश के ज़्यादातर घूमने के लिए सुरक्षित लेकिन आशंका की चलते पर्यटक हिमाचल का रुख नहीं कर रहे हैं.
शिमला होटलियर संगठन के अध्यक्ष प्रिंस कुकरेजा कहते हैं कि पैटर्न कारोबार इस साल के सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया है और इसके पीछे प्रदेश में मौसमी आपदा से हो रहा नुकसान एक बड़ी वजह है. आपदा में प्रदेश के एक दो स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है लेकिन आशंका के चलते पर्यटक हिमाचल का रुख नहीं कर रहे हैं. शिमला में ऑक्युपेंसी 20 फिजी तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है. ऑक्युपेंसी बेहद कम है ऐसे में सभी निजी होटल में भी भारी डिस्काउंट चल रहा है. उन्होंने पर्यटकों से अपील की है कि प्रदेश में कुछ एक स्थान पर ही बारिश नुकसान हो रहा है शिमला हमेशा से पर्यटकों के लिए सुरक्षित है ऐसे में पर्यटक खुलकर पहाड़ों का रुख कर सकते हैं.
प्रिंस कुकरेजा, उपअध्यक्ष, रेस्टोरेंट एंड होटलियर एसोसिएशन, शिमला.
वहीं, ट्रैवल एजेंट नरेन सहाय कहते हैं कि प्रदेश में बारिश से हो रहे नुकसान का बहुत बुरा असर पर्यटन कारोबार पर पड़ा है उनके पास बेहद कम क्वेरी आ रही है. उसमें भी अधिकतर लोग फेस्टिवल सीजन को लेकर पूछताछ कर रहे हैं. नरेन सहाय का कहना है हाल फिलहाल पर्यटन कारोबार के हालात सुधारते नजर नहीं आते हैं मौसम ठीक होने के बाद पर्यटन कारोबार के फिर पटरी पर लौटने की उम्मीद है.
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