हिमाचल की धरोहरों को बेचने पर तुली सुक्खू सरकार, जनता को गुमराह करने का प्रयास: गोविंद सिंह ठाकुर
हिमाचल की धरोहरों को बेचने पर तुली सुक्खू सरकार, जनता को गुमराह करने का प्रयास: गोविंद सिंह ठाकुर
मनाली : ओम बौद्ध /
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश को कर्ज के दलदल में धकेलने के बाद अब प्रदेश की बहुमूल्य धरोहरों को निजी हाथों में सौंपने पर तुली है। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के 14 होटलों को बेचने की तैयारी इसका स्पष्ट प्रमाण है।
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले प्रदेश हाईकोर्ट से इन होटलों को घाटे से उबारने के लिए समय मांगा था, लेकिन अपने प्रयासों में विफल रहने के बाद अब जनता को गुमराह करने के लिए झूठे आंकड़े पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इन होटलों को घाटे में दिखाकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने की साजिश रच रही है। यह प्रदेश की जनता और आने वाली पीढ़ियों के साथ विश्वासघात है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के जिन होटलों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी हो रही है, उनमें कई होटल ऐसे हैं जो प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की पहचान हैं। इन होटलों को बेचना न केवल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को कमजोर करेगा, बल्कि इससे सैकड़ों स्थानीय लोगों का रोजगार भी संकट में पड़ जाएगा।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सवाल उठाया कि यदि एचपीटीडीसी के चेयरमैन आरएस बाली खुद यह स्वीकार कर चुके हैं कि निगम को इन होटलों से सालाना 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो रहा है और निगम का कुल राजस्व 100 करोड़ रुपये से अधिक है, तो फिर इन होटलों को घाटे में दिखाने का नाटक क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सुक्खू सरकार की सुनियोजित चाल है, जो प्रदेश की परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचकर अपने चहेतों को खुश करना चाहती है।
ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार प्रदेश को चलाने में पूरी तरह से असफल रही है। सरकार को प्रदेश के हितों की रक्षा करने के बजाय उसे बर्बाद करने की चिंता है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिक आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
गोविंद सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की धरोहरों को बचाने के बजाय बेचने का प्रयास जारी रखा तो भाजपा प्रदेश की जनता के साथ मिलकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा हिमाचल की संस्कृति, धरोहर और युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।
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